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मैक्स पर फिर लगा लापरवाही का आरोप, सर्जरी कराने आए मरीज की मौत

जीवित नवजात बच्चे को मृत बताने के मामले में पहले से विवादों में घिरे शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल में ऐसा ही एक और मामला सामने आया है जिसमें आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण हॉर्ट के एक मरीज की मौत हो गई।

Updated on: 28 Dec 2017, 05:06 AM

नई दिल्ली:

जीवित नवजात बच्चे को मृत बताने के मामले में पहले से विवादों में घिरे शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल में ऐसा ही एक और मामला सामने आया है जिसमें आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण हॉर्ट के एक मरीज की मौत हो गई।

मरीज के परिवार ने शालीमार बाग थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है। बुधवार को डॉक्टरों के पैनल में और वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंपा जाएगा। जिसके बाद ही एफआईआर हो सकती है।

मृतक की पहचान कमलेश चन्द्र के रूप में हुई है। वह परिवार के साथ रोहिणी सेक्टर-7 इलाके में रहते थे। 25 दिसम्बर करीब एक बजे कमलेश चन्द्र घर में थे, जिनको अचानक से पसीना आने लगा था। घबराहट होने पर उनको रोहिणी सेक्टर-8 स्थित डॉ पंकज के क्लीनिक में भर्ती कराया।

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डॉ पंकज के क्लीनिक पर जब कमलेश की हालत बिगड़ती दिखाई दी तो कमलेश को शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल में डॉ नवीन भामड़ी के पास रैफर कर दिया। इसके बाद जब परिजन कमलेश को लेकर मैक्स अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे तो उन्हें डॉ नवीन के अंडर इलाज कराने के लिए भर्ती कर लिया गया। डॉक्टरों ने परिवार वालों को बताया कि कमलेश को हार्टअटैक आया है।

परिवार वालों का कहना है कि उनको अस्पताल के सूत्रों से पता चला कि डॉक्टर नवीन जिनको इलाज करना था वह छुट्टी पर थे और ऑपरेशन डॉ देवेन्द्र कुमार अग्रवाल ने किया है। जिसको लेकर जब मैक्स प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तो उनसे बात नहीं करने दी गई।

परिवार वालों का कहना है कि डॉक्टरों से नवीन के बारे में कई बार पूछा गया था। किसी ने नहीं बताया था कि ऑपरेशन डॉ देवेन्द्र ने किया है। जबकि पैसे डॉ नवीन के नाम पर लिए गए थे।

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मृतक की 35 वर्षीय बेटी सारिका का कहना है, 'हम कल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और दिल्ली के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर न्याय की मांग करेंगे।'

गौरतलब है कि कुछ ही समय पहले मैक्स अस्पताल में एक ऐसा मामला सामने आया था जिसमें परिवार को जीवित नवजात बच्चे को मृत बताकर सौंप दिया गया था. अंतिम संस्कार के वक्त परिवार को पता चला कि बच्चा जीवित है।

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