Mansukh Hiren Murder Case: NIA को शक, प्रदीप शर्मा हो सकता है मनसुख मर्डर केस का मास्टरमाइंड
देश में सबसे ज्यादा एनकाउंटर करने वाले 'सुपरकॉप' प्रदीप शर्मा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सलाखों के पीछे भेज दिया है. एनआईए ने गुरुवार को प्रदीप शर्मा को मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है.
नई दिल्ली:
देश में सबसे ज्यादा एनकाउंटर करने वाले 'सुपरकॉप' प्रदीप शर्मा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सलाखों के पीछे भेज दिया है. एनआईए ने गुरुवार को प्रदीप शर्मा को मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है. बता दें कि शर्मा अबतक 112 से ज्यादा लोगों का एनकाउंटर कर चुके हैं. पूर्व हाई-प्रोफाइल 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' प्रदीप शर्मा को मुंबई पुलिस का 'डर्टी हैरी' कहा जाता है. शर्मा के साथ ही दो अन्य प्रमुख साजिशकर्ताओं मनीष सोनी और सतीश त्रिभुतकर को भी गिरफ्तार किया है.. अदालत ने तीनों को 28 जून तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया. तीनों पर इसी मामले में गिरफ्तार पूर्व API सचिन वझे के विस्फोटक केस में मदद का भी आरोप है. जांच में यह ही सामने आया है कि जिस लाल टवेरा कार में मनसुख को मारा गया वह कार भी शर्मा ने ही मुहैया करवाई थी.
और पढ़ें: मनसुख हिरेन केस: कोर्ट ने सचिन वाझे की NIA कस्टडी बढ़ाई, CBI भी करेगी पूछताछ
NIA कोर्ट में पेशी के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी के वकील ने बताया कि सतीश और मनीष सोनी ने दावा किया है कि उन्होंने सचिन वाजे और प्रदीप शर्मा के आदेश पर मनसुख हिरेन की हत्या की थी. दोनों को इस काम के लिए वझे ने काफी पैसे दिए थे. NIA को यह भी संदेह है कि इस विस्फोटक केस का पूरा मास्टर माइंड प्रदीप शर्मा ही हो सकता है. हालांकि, इसकी पुष्टि सचिन वझे और शर्मा को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ के बाद ही हो सकेगी.
मनसुख को मारने के बाद हत्यारों ने शर्मा को किया फोन
NIA ने अदालत में बताया है कि सतीश और मनीष ने मनसुख हिरेन की हत्या करना कबूल किया है. हत्या के बाद दोनों ने प्रदीप शर्मा और सचिन वाजे से संपर्क किया था. NIA को इसके पुख्ता इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस भी मिले हैं. शर्मा के घर से बरामद डिजिटल डिवाइस(मोबाइल, लैपटॉप और हार्डडिस्क) की फ़ॉरेंसिक जांच के NIA इस मामले में और बड़े खुलासे कर सकती है.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि हिरासत में की गई पूछताछ में शर्मा की भूमिका के बारे में अधिक जानकारी मिली है, जिसे कभी मुंबई पुलिस के 'डर्टी हैरी' के रूप में जाना जाता था, जिसके नाम पर 103 माफिया थे और गुरुवार की कार्रवाई में इसका समापन हुआ.
इससे पहले, एनआईए ने सचिन वाजे, रियाजुद्दीन काजी, सुनील माने, दोषी पूर्व पुलिस अधिकारी विनायक शिंदे और क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गोर जैसे पूर्व पुलिसकर्मियों सहित पांच अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. आगरा के रहने वाले पूर्व वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शर्मा से एनआईए ने पिछले अप्रैल में इन्हीं मामलों में दो बार पूछताछ की थी.
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