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One Nation-One Election: कोविंद कमेटी ने राष्ट्रपति को सौंपी एक देश-एक चुनाव पर रिपोर्ट, 191 दिन चली रिसर्च

One Nation-One Election: एक देश-एक चुनाव को लेकर तैयार की गई कोविंद कमेटी की रिपोर्ट गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी. इस रिपोर्ट को तैयार करने में 191 दिनों का वक्त लगा है.

Updated on: 14 Mar 2024, 12:12 PM

highlights

  • एक देश-एक चुनाव पर कोविंद कमेटी की रिपोर्ट
  • कोविंद कमेटी ने राष्ट्रपति मुर्मू को सौंपी रिपोर्ट
  • रिपोर्ट तैयार करने में लगा 191 दिन का वक्त

नई दिल्ली:

One Nation-One Election: एक देश-एक चुनाव पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. ये रिपोर्ट देश में एक साथ लोकसभा-राज्य विधानसभा के साथ-साथ सभी निकायों के चुनावों को लेकर है. 18,626 पन्नों की इस रिपोर्ट को पिछले 191 दिनों के हितधारकों, विशेषज्ञों और अनुसंधान कार्य के साथ व्यापक परामर्श के बाद तैयार किया गया है. वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए 2 सितंबर 2023 को इस कमेटी को बनाया गया था.

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बता दें कि फिलहाल देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए अलग-अलग मतदाता सूची तैयार की जाती है. जबकि स्थानीय नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग लिस्ट बनाता है. कोविंद कमेटी की रिपोर्ट में पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बारे में जानकारी दी गई है. जबकि दूसरे चरण में नगर पालिकाओं और पंचायतों को लोकसभा-विधानसभा के साथ कराने को कहा गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि निकायों के चुनावों को भी लोकसभा-विधानसभा चुनाव के 100 दिनों के अंदर कराया जाए.

कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया जिक्र

एक देश, एक चुनाव की पैरवी करते हुए कमेटी ने केशवानंद भारती बनाम केरल सरकार केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया है. जिसमें कोर्ट ने कहा था कि, "समाज को बंधन में बांधे रहना संभव नहीं है. जब समाज बढ़ता है तो उसकी जरूरतें भी बदल जाती हैं. इसलिए उन जरूरतों के आधार पर संविधान और कानूनों को बदलना पड़ सकता है." इसके साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि कोई भी एक पीढ़ी आने वाली पीढ़ी को बांध नहीं सकती है. इसीलिए बुद्धिमानी से तैयार किए गए संविधान में भी अपने स्वयं के संशोधन का प्रावधान किया गया है.

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इसके साथ ही कमेटी ने कहा कि तमाम विचार-विमर्श के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि हमारी सिफारिशों से पारदर्शिता, समावेशिता, सहजता और मतदाताओं का विश्वास बढ़ जाएगा. कमेटी को उम्मीद है कि एक साथ चुनाव कराने के लिए जबरदस्त जनसमर्थन मिल सकता है. इससे विकास प्रक्रिया के साथ सामाजिक एकजुटता को भी बल मिलेगा. इससे लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव और गहरी होगी और भारत की आकांक्षाएं साकार होंगी.

कांग्रेस-टीएमसी ने किया विरोध

एक देश, एक चुनाव पर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और उसके सहयोगी डीएमके, एनसीपी और टीएमसी ने विरोध किया है. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में निर्वाचन आयोग, विधि आयोग और कानूनी विशेषज्ञों की राय को भी शामिल किया है. साथ ही कहा है कि एक साथ चुनाव कराना जनहित में होगा और इससे आर्थिक विकास में तेजी आएगी साथ ही महंगाई पर रोक लगेगी.

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