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बीएस येदियुरप्पा आज चुटकी बजाने वाले अंदाज में साबित कर लेंगे बहुमत, समझें गणित

बहुमत के लिए जरूरी संख्याबल बीजेपी के पास पहले से है. हालांकि येदियुरप्पा भले ही विश्वास मत हासिल कर लें, लेकिन बागी विधायकों के तेवर उनके लिए अच्छे संकेत नहीं हैं.

Updated on: 29 Jul 2019, 08:49 AM

highlights

  • येदियुरप्पा को चाहिए बहुमत के लिए 104 विधायक, हैं 105.
  • इसके अलावा निर्दलीय और बसपा विधायक का भी समर्थन.
  • हालांकि बागी विधायक सीएम के लिए बन सकते हैं सिरदर्द.

नई दिल्ली.:

पिछले सप्ताह कर्नाटक के चौथी बार मुख्यमंत्री बने बीएस येदियुरप्पा सोमवार को सदन में विश्वास मत हासिल करेंगे. ऐसा करना उनके लिए बिल्कुल भी मुश्किल नहीं होगा. खासकर रविवार को स्पीकर द्वारा अयोग्य करार दिए गए 14 विधायकों के बाद बहुमत के लिए जरूरी संख्याबल बीजेपी के पास पहले से है. हालांकि येदियुरप्पा भले ही विश्वास मत हासिल कर लें, लेकिन बागी विधायकों के तेवर उनके लिए अच्छे संकेत नहीं हैं. वजह भी साफ है स्पीकर रमेश कुमार के रविवार को मारे गए मास्टर स्ट्रोक से बागी विधायकों की स्थिति न घर के न घाट वाली हो गई है.

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येदियुरप्पा का आत्मविश्वास आसमान पर
कर्नाटक के नाटक का हालिया दौर जुलाई के शुरुआती दिनों से शुरू हुआ था और महीने के आखिरी में इसका पर्दा गिरने जा रहा है. कह सकते हैं कि बीएस येदियुरप्पा के लिए सदन में बहुमत हासिल करना अब बाएं हाथ का खेल रह गया है. वजह बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने से संख्याबल उनकी पहुंच में आ गया है. बीजेपी बेहद आसानी के साथ बदली परिस्थितयों में बहुमत साबित कर लेगी. इसे बीएस येदियुरप्पा के बयान से भी समझा जा सकता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह सोमवार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं.

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विधानसभा की गणित बीजेपी के पक्ष में
हालांकि कुल 225 विधायकों वाली कर्नाटक विधानसभा में एक सदस्य मनोनीत किया जाता है. 14 बागी और 3 निर्दलीय विधायकों के निष्कासन के बाद विधानसभा की सदस्य संख्या स्पीकर को हटाने के बाद 207 रह गई है. ऐसे में किसी भी दल को बहुमत हासिल करने के लिए महज 104 का संख्याबल ही पाना होगा औऱ बीजेपी के पास अपने ही 105 विधायक हैं. इसके अलावा उसे निर्दलीय समेत बसपा के एकमात्र विधायक का समर्थन भी प्राप्त है. ऐसे में बीएस येदियुरप्पा आसानी से बहुमत साबित कर देंगे. गौरतलब है कि लंबे चले नाटक के बाद एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार विश्वासमत पर मतविभाजन के समय 20 विधायकों के गायब रहने से गिर गई थी. इनमें 17 बागी विधायक तथा एक-एक कांग्रेस और बसपा का और एक निर्दलीय था.

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बागी विधायक दे सकते हैं सिरदर्द
हालांकि रविवार को स्पीकर ने 14 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराते हुए उनके उप-चुनाव लड़ने तक पर रोक लगा दी है. इससे उनकी स्थिति न घर के न घाट के वाली हो गई. अयोग्य करार दिए गए विधायक सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में स्पीकर के आदेश को चुनौती देने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि ये बागी विधायक बीएस येदियुरप्पा के लिए सिरदर्द बन सकते हैं. खासकर जिस तरह से कुमारस्वामी की सरकार को गिराने में उन्हें मोहरा बनाया गया, उससे वह स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. उन्हें लग रहा है कि बीजेपी और स्पीकर ने उन्हें मोहरा बना अपनी-अपनी राजनीति ही खेली है.