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जम्मू-कश्मीर में शांति से मनाई गई बकरीद, प्रधान सचिव बोले- नहीं चली एक भी गोली, अमन का माहौल

जम्मू-कश्मीर में सोमवार को शांतिपूर्ण तरीके से बकरीद का त्योहार मनाया गया.कश्मीर के लोगों ने अमन-चैन के साथ बकरीद मनाया और एक दूसरे को बधाई दी.

Updated on: 12 Aug 2019, 08:49 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में सोमवार को शांतिपूर्ण तरीके से बकरीद का त्योहार मनाया गया. अनुच्छेद 370 खत्म करने पर जम्मू-कश्मी के हालात को लेकर पाकिस्तान लगातार अफवाह फैला रहा था, लेकिन उसकी हर कोशिश नाकामायब साबित हो रही है. कश्मीर के लोगों ने अमन-चैन के साथ बकरीद मनाया और एक दूसरे को बधाई दी. हालांकि सोमवार को कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया था कि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कुछ एक जगह गोलीबारी की गई जिसमें मौत की खबर है. लेकिन इस अफवाह को खारिज करते हुए जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव (योजना आयोग) रोहित कंसल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया, 'जम्मू-कश्मीर में बकरीद पर पूरी तरह शांति रही. जम्मू-कश्मीर में गोलीबारी की कोई घटना नहीं हुई है. सुरक्षाबलों की ओर से एक भी गोली नहीं चलाई गई है और न ही किसी की मौत हुई है.'

जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव ने बताया कि 20 हजार छात्रों ने भी ईद मनाई है. राज्य के सभी जगहों पर शांति है और स्वास्थ्य सुविधाएं भी ठीक से काम कर रही है.'

प्रधान सचिव ने कहा, 'जिला और संभागीय प्रशासन ने मौलवियों से और आम लोगों से मुलाकात की, जिसके फलस्वरूप आज ईद के दौरान बहुत ही शांतिपूर्ण और सुकून भरा माहौल देखने को मिला.'इसके साथ ही रोहित कंसल ने लोगों से अपील की कि वो अफवाहों पर ध्यान न दे.

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वहीं आईजीपी कश्मीर एसपी पाणि ने कहा कि सभी जगहों पर राहत की स्थिति है. घाटी में गोलीबारी की खबरें पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. स्थानीय स्तर पर कुछ घटनाएं हुए लेकिन संजीदा ढंग से इससे निपटा गया.

गौरतलब है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल लगातार कश्मीर के अलग-अलग हिस्से में जाकर लोगों से मिल रहे हैं. सोमवार को डोभाल लाल चौक, पुलवामा और बेलगाम इलाके में पहुंचकर लोगों से मुलाकात की और बकरीद की बधाई दी.

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हालांकि सरकार ने किसी भी अनहोनी से बचने के लिए लोगों को पड़ोस के मस्जिद में नमाज पढ़ने की इजाजत दी, लेकिन एक साथ बड़ी संख्या में लोगों को इक्ट्ठा होने से मना कर दिया था. बड़ी मस्जिदों में ज्यादा संख्या में लोगों के एकत्र होने की इजाजत नहीं दी गई थी.

हिंसा के डर से रविवार को श्रीनगर में फिर से कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगा दिए गए थे, जिसके कारण वहां की अधिकांश मस्जिदों में ईद की नमाज की अनुमति नहीं दी गई थी.