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भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई का मतलब यह नहीं कि सरकार उद्योगपतियों के खिलाफ है: मोदी

धानमंत्री ने कहा कि इसे लेकर कुछ लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं कि सरकार उद्योगपतियों के खिलाफ है.

Updated on: 06 Jan 2020, 11:42 PM

दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के प्रति उद्योग जगत में डर और संशय का माहौल होने को कोरा दुष्प्रचार बताते हुये सोमवार को कहा कि कुछ बेईमान और भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई होने का मतलब यह नहीं है कि सरकार उद्योगपतियों के खिलाफ है. मोदी ने किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड के 100 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना महज एक पड़ाव है. 'यह लक्ष्य महज एक पड़ाव है. हमारे सपने और बड़े हैं, हमारी उम्मीदें और बड़ी हैं, हमारे लक्ष्य और बड़े हैं.' प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे लेकर कुछ लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं कि सरकार उद्योगपतियों के खिलाफ है.

उन्होंने कहा, 'कुछ लोग यह छवि बनाने के प्रयास में लगे रहते हैं कि भारत सरकार उद्यमियों के खिलाफ डंडा लेकर पड़ी रहती है. कुछ बेईमान और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई का मतलब यह नहीं है कि उनकी सरकार उद्योगपतियों के खिलाफ है.' मोदी ने कहा कि उनकी सरकार में उद्योगपतियों की समस्याओं को सुना गया है और उन्हें दूर भी किया गया है. उन्होंने उद्यमियों के डरे होने की बात को दुष्प्रचार बताते हुए कहा, 'इनदिनों दिवाला एवं ऋणशोधन संहिता (आईबीसी) की खूब चर्चा होती है. यह कानून सिर्फ डूबा पैसा वसूल करने का कानून नहीं होकर ईमानदार उद्यमियों का भविष्य बचाने का भी कानून है. इसने इंस्पेक्टर राज को खत्म किया है. इसने ईमानदार उद्यमियों को किन्हीं परिस्थितियों में असफल हो जाने पर धंधे से निकलने का विकल्प दिया है.' मोदी ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने हमेशा इस बात के प्रयास किये हैं कि भारतीय उद्यमियों को किसी भी तरह की रुकावट का सामना नहीं करना पड़े.

उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार के हर फैसले, हर कार्रवाई के पीछे यही सोच रही कि कारोबारियों को होने वाली दिक्कतें दूर हों, उनके लिये कारोबार का बेहतर माहौल बने, ताकि वे राष्ट्र के निर्माण में अपना पूरा योगदान दे सकें.' उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य उद्योग जगत को कानूनों के जाल में फंसने से बचाना है ताकि वे अपने लिये भी और देश के लिये भी मूल्यवर्धन कर सकें. इन्हीं कोशिशों के तहत 13 हजार से अधिक कानूनों को समाप्त किया गया है. मोदी ने कहा कि सरकार के इन्हीं प्रयासों के कारण देश ने पिछले पांच साल में कारोबार सुगमता सूचकांक में 79 स्थान की छलांग लगायी है. सिर्फ पांच साल में वैश्विक नवोन्मेष सूचकांक में भी हम 20 स्थान ऊपर चढ़े हैं. हम लगातार कई साल से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के मामले में शीर्ष 10 देशों में बने हुए हैं और यह भी एक शानदार उपलब्धि है.

प्रधानमंत्री ने युवा उद्यमियों और स्टार्टअप की भूमिका की सराहना करते हुए कहा, 'अब देश के छोटे शहरों से बड़े उद्यमी निकलकर सामने आ रहे हैं. अलग-अलग क्षेत्रों में पुराने दिग्गजों के साथ कदमताल करते हुए युवा उद्यमी भी देश के निर्माण में योगदान दे रहे हैं.' श्रम संहिता को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच मोदी ने कहा कि प्रस्तावित श्रम संहिता से उद्योगपतियों के साथ ही मजदूरों को भी लाभ होगा. उन्होंने कहा कि आज देश में कॉरपोरेट कर की दरें सबसे कम हैं ताकि कंपनियों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. उन्होंने उद्यमियों को आश्वस्त करते हुए कहा, 'आप कारोबार करने के लिये देश के किसी भी कोने में जाना चाहें, सरकार हर समय आपके साथ खड़ी रहेगी.'

मोदी ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए डिजिटल लेन-देन प्लेटफॉर्म यूपीआई और उजाला योजना का जिक्र किया. उन्होंने कहा सिर्फ तीन साल में यूपीआई ने कई उपलब्धियां हासिल की है. वित्त वर्ष 2018-19 में यूपीआई के जरिये करीब नौ लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था. इस वित्त वर्ष में दिसंबर तक ही यह आंकड़ा लगभग 15 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है. मोदी ने कहा कि हमने बिजली की बचत करने, कार्बन उत्सर्जन कम करने तथा लोगों पर इसका वित्तीय बोझ घटाने के लिये उजाला योजना तैयार की.

उन्होंने कहा, 'कल ही उजाला योजना के पांच साल पूरे हुए हैं. इस योजना के तहत अब तक 36 करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब बांटे जा चुके हैं. इसके साथ ही अब तक एक करोड़ से अधिक एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाये गये हैं. इन दोनों प्रयासों से 5,500 करोड़ किलोवाट घंटे बिजली की बचत हर साल हो रही है. इससे हर साल बिजली खर्च में हजारों करोड़ रुपये की बचत हो रही है.'