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छह दशक से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं भारतीय सैनिक, बेटे ने वापसी का उठाया बीड़ा

1965 की भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लापता हुए भारतीय सैनिक के बेटे ने अपने पिता को वतन वापसी के लिए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और पीएम मोदी से गुहार लगाई है. 

Updated on: 26 Feb 2023, 02:49 PM

नई दिल्ली:

1965 की भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लापता हुए भारतीय सैनिक के बेटे ने अपने पिता को वतन वापसी के लिए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और पीएम मोदी से गुहार लगाई है.  भारतीय सैनिक आनंद पात्री 58 साल से पाकिस्तान की लाहौर जेल में बंद हैं. भारत-पाकिस्तान के बीच हुई जंग के दौरान भारतीय सैनिक लापता हो गए थे. घरवालों ने इसकी जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह लाहौर की जेल में बंद हैं. उनके बेटे ने भारत सरकार से पिता को वापस लाने के लिए प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया है.  

ओडिशा के भद्रक जिले के धामनगर ब्लॉक के रहने वाला आनंद पात्री के बेटे बिद्याधर पात्री ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बताया कि पाकिस्तानी अधिकारी 2007 में उनके पिता आनंद पात्री को छोड़ने को तैयार थे, लेकिन उन्होंने सैनिक के रूप में नहीं बल्कि आम नागरिक के तौर पर छोड़ने को तैयार हुए थे.

इसपर भारतीय दूतावास ने पाकिस्तान की शर्त मनाने से इनकार कर दिया. इस मामले में आनंद के बेटे बिद्याधर पात्री ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से भी मुलाकात कर पिता को छुड़ाने की गुहार लगाई है. उन्होंने सीएम से मांग की कि वह भारत सरकार से इस मामले में गुहार लगाए.  

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बिद्याधर पात्री की उम्र 65 साल हुई

आनंद पात्री के बेटे की उम्र बिद्याधर की उम्र 65 साल हो चुकी है. बिद्याधर ने बताया कि एक पब्लिकेशन के जरिए उन्हें पाकिस्तान की जेल में अपने पिता के बंद होने के बारे में जानकारी मिली थी. आनंद पात्री कोलकाता से भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. पात्री ने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान सेना में शामिल हुए थे.

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार के लिए काम करने वाले एक कार्यकर्ता ने बताया कि आनंद पात्री 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान भारतीय सेना में हिस्सा लिया था. उन्होंने 1965 में भारत-पाक युद्ध में लड़ाई लड़ी थी. उसके बाद से वह लापता हैं. वे लगभग 58 सालों से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. फिलहाल, उनके बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन अगर

जीवित हैं तो उनकी उम्र 88 वर्ष होगी
हालांकि, 2007 के बाद से यह पता नहीं चल पाया कि आनंद पात्री जीवित हैं या नहीं. बिद्याधर पात्री ने सरकार से मांग की है कि अगर पिता जिंदा है तो तो उन्हें वतन वापसी के लिए प्रक्रिया शुरू की जाए. या फिर अगर उनकी मृत्यु हो गई, तो पाकिस्तानी अधिकारी उन्हें उनका मृत्यु प्रमाण पत्र दें.