logo-image

इंटरनेट के भविष्य को लेकर अपना फ्रेमवर्क खुद बनाएगा भारत: MoS IT

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दावा किया कि 82 करोड़ इंटरनेट यूजर वाला देश इंटरनेट के भविष्य को लेकर भारत अपना फ्रेमवर्क खुद बनाएगा. इंडिया ग्लोबल फोरम की ओर से दुबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संयुक्त अरब अमीरात के मंत्री उमर सुल्तान अल ओलामा के साथ एक विशेष सत्र की अध्यक्षता करते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भविष्य में इंटरनेट को लेकर नीतियां बनाने के लिए भारत को किसी दूसरे देश या वैश्विक प्रथा का अनुकरण करने की जरूरत नहीं है.

Updated on: 14 Dec 2022, 07:54 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दावा किया कि 82 करोड़ इंटरनेट यूजर वाला देश इंटरनेट के भविष्य को लेकर भारत अपना फ्रेमवर्क खुद बनाएगा. इंडिया ग्लोबल फोरम की ओर से दुबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संयुक्त अरब अमीरात के मंत्री उमर सुल्तान अल ओलामा के साथ एक विशेष सत्र की अध्यक्षता करते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भविष्य में इंटरनेट को लेकर नीतियां बनाने के लिए भारत को किसी दूसरे देश या वैश्विक प्रथा का अनुकरण करने की जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि देश के 82 करोड़ यूजर को यह तय करने का अधिकार है कि उन्हें किस प्रकार का इंटरनेट चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, इंटरनेट गवर्नेस के लिए यूरोप के जीडीपीआर को स्वर्णमान यानी मानक जाता है, लेकिन भारत इससे सहमत नहीं है. भारत 82 करोड़ इंटरनेट यूजर के साथ ग्लोबल इंटरनेट पर सबसे सबसे बड़ी उपस्थिति दर्ज कराने वाला देश है और हमें अपनी नियति को आकार देने का अवसर मिलना चाहिए.

इसलिए हम अपनी राह खुद तय करेंगे और इंटरनेट के लिए अपना फ्रेमवर्क खुद बनाएंगे. जनता के परामर्श के लिए हाल ही में सार्वजनिक किए गए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक पर चर्चा करते हुए आईटी राज्यमंत्री ने कहा, अपने नागरिकों के डिजिटल अधिकारों की रक्षा करना सरकार का दायित्व है, लेकिन हम नहीं मानते कि भारत में हो रहे नवाचार के इकोसिस्टम पर इसका कोई असर पड़ना चाहिए.

उन्होंने कहा कि सरकार इंटरनेट को खुला, सुरक्षित, भरोसेमंद और जवाबदेह इंटरनेट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. चंद्रशेखर ने भारत के स्टैक का जिक्र करते हुए कहा कि देश में सरकार और नागरिकों के बीच भरोसा कायम करने में भारत के स्टैक से मदद मिली है. इससे हस्तांतरण की बाधाएं दूर हो गई हैं और सरकारी निधियों का लाभार्थियों तक हस्तांरण आसान हो गया है. भारत के स्टैक को अन्य देश भी अपना सकते हैं.

उन्होंने कहा कि यह ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों) या तेजी से हो रहे डिजिटलीकरण के दौर में डिजिटलीकरण का खर्च वहन करने में असमर्थ देशों के लिए भारतीय स्टैक का फायदा उठाने का एक अवसर है. इस मौके पर भारत के स्टैक की सराहना करते हुए ओलमा ने कहा, भारत ने किसी का अनुकरण नहीं किया, बल्कि अपना मार्ग खुद बनाया, जिसका अनुकरण बहुत सारे देश कर रहे हैं.

उन्होंने हैरानी जताते हुए आगे कहा, भारत जैसा बड़ा देश एक दशक से भी कम समय में इस प्रकार का कुछ करने में समर्थ है, जो अत्याधुनिक है. मुझे नहीं मालूम कि यह कितना आश्चर्यजनक है!

इससे पहले आईजीएफ के इतर मीडिया से बात करते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आज जो भ्रामक सूचनाओं को हथियार बनाया जा रहा है और साइबर हमले हो रहे हैं, इन सब पर नकेल कसने के लिए आगामी डिजिटल इंडिया एक्ट में प्रावधान किए जाएंगे. डिजिटल इंडिया एक्ट मौजूदा आईटी कानून की जगह लेगा.

आईटी राज्यमंत्री ने कहा, क्लाउड्स के प्रसार और सीमाहीन इंटरनेट के चलते भौगोलिक सीमा के पार डेटा का प्रवाह प्राय: होता ही है. इसलिए हम विश्वसनीय भौगोलिक क्षेत्रों या भरोसेमंद गलियारे की पहचान करेंगे, जहां डेटा को संग्रहीत और संसाधित किया जा सकता है, ताकि यह सुनिश्चित हो कि सभी भारतीयों के डेटा सुरक्षित हैं.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.