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सोलर पावर केस: WTO में अमेरिकी दावे को भारत ने किया खारिज

भारत की सोलर पॉलिसी के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में अमेरिका की कानूनी कार्रवाई के खिलाफ भारत ने पलटवार किया है। अमेरिका के दावे को खारिज करते हुए भारत ने अपनी सोलर इंडस्ट्रीज़ के संरक्षण की संभावनाओं के बारे में बताते हुए बचाव किया है।

Updated on: 09 Jan 2018, 02:40 PM

नई दिल्ली:

भारत की सोलर पॉलिसी के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में अमेरिका की कानूनी कार्रवाई के खिलाफ भारत ने पलटवार किया है। अमेरिका के दावे को खारिज करते हुए भारत ने अपनी सोलर इंडस्ट्रीज़ के संरक्षण की संभावनाओं के बारे में बताते हुए बचाव किया है। 

पिछले महीने अमेरिका ने भारत की सोलर नीति को लेकर नए सिरे से मुकदमा किया था। डब्ल्यूटीओ में अमेरिका ने दलील दी थी कि भारत सौर ऊर्जा पर विश्व व्यापार संगठन के फैसले का पालन करने में विफल रहा है। साथ ही विदेशी सप्लायर्स के हितों को अवैध तरीके से भेदभावपूर्ण है।

डब्ल्यूटीओ की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत ने कहा है कि उसने नियमों में डब्लयूटीओ के नियमों के अनुसार बदलाव किये गए हैं और अमेरिका का दावा आधारहीन है। अगर भारत पर किसी तरह का प्रतिबंद लगाया जाता है या कोई कार्रवाई की जाती है तो वो पक्षपात होगा।  

भारत के बयान में कहा, 'भारत मानता है कि अमेरिका की मांग सही मांग नहीं है।'

भारत के पक्ष रखते हुए बयान में कहा गया है कि वाशिंगटन डब्ल्यूटीओ की सही प्रक्रिया को नहीं अपनाया है और उसने कानूनी कदमों की अनदेखी की है। ... अगर उचित प्रक्रिया अपनाई जाती है तो भारत सही साबित होगा।

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बयान में कहा है, 'इन सबको देखते हुए, भारत अमेरिका की मांग पर कड़ा विरोध दर्ज करता है।'

वैकल्पिक उर्जा एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें व्यापार को लेकर अड़चनें और विरोध आ सकता है क्योंकि कई बड़े देश इस क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने की कोशिश में हैं क्योंकि पारंपरिक उर्जा के स्रोत कोयला और तेल की कमी आने वाले समय में होने की पूरी संभावना है।

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