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Assembly Elections: अब चुनावों में BJP मुफ्त की रेवड़ी नहीं बांटेगी, बल्कि...

भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने चुनावी घोषणा पत्र में अब लोक-लुभावन वादों को शामिल नहीं करेगी. भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि फ्री में कुछ भी देने की चुनावी घोषणा की जगह पार्टी ऐसे वादे करेगी, जिससे एसेट क्रिएट हो सके.

Updated on: 26 Oct 2022, 09:03 PM

नई दिल्ली:

Assembly Elections : भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने चुनावी घोषणा पत्र में अब लोक-लुभावन वादों को शामिल नहीं करेगी. भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि फ्री में कुछ भी देने की चुनावी घोषणा की जगह पार्टी ऐसे वादे करेगी, जिससे एसेट क्रिएट हो सके और जो सभी के विकास के लिए स्थायी संसाधन बन सके. पार्टी के इस नीति की झलक गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में दिखाई देगी. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक तौर पर मुफ्त की रेवड़ियां बांटने वाले दलों पर बिना नाम लिए तंज कसा था. लिहाजा, अब चुनाव के दौरान बीजेपी के नेता अपने भाषणों और घोषणा पत्र में फ्री में कुछ भी देने का जिक्र नहीं करेंगे.

पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक भी कर चुके हैं और प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद पार्टी की घोषणापत्र समिति ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है कि फ्री की घोषणा खत्म कर, विकल्प के तौर पर क्या अपनाया जाए. सूत्रों का कहना है कि पार्टी चुनावी घोषणा पत्र में वादे तो करेगी लेकिन, मुफ्त में सामान जैसे की स्कूटी, साइकिल, टीवी, फ्रीज, लैपटॉप, मोबाइल, मुफ्त बिजली-पानी या ट्रांसपोर्ट जैसे वादे से परहेज करेगी. 

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि फ्री में देने की जगह कोई वैकल्पिक व्यवस्था तय कर उसकी घोषणा की जाएगी. जैसे फ्री में साइकिल देने की जगह पार्टी वादा कर सकती है कि सरकार बनने पर लड़कियों को सरकार साइकिल देगी, जिसका भुगतान 24 या 48 किश्तों में बिना ब्याज के किया जा सकता है या फिर यह कहा जा सकता है कि सरकार बनने पर 10वीं की जगह अब 8वीं के छात्रों को भी 70 फीसदी अंक लाने पर छात्रवृत्ति दिया जाएगा. 

किसान अपनी खेत में ट्यूबेल लगाना चाहता है या फिर तालाब खोदना चाहता है तो सरकार उसे आर्थिक मदद देगी जिसे आसान किस्तों में लंबे समय में लौटाना होगा. नव जवानों के लिए पढ़ाई और रोजगार से संबंधित ऐसे वादे किए जाएंगे, जिसमें मुफ्त में कुछ भी नहीं होगा और भार डालने वाला भी नहीं होगा. पढ़ाई करने के लिए या फिर कोचिंग करने के लिए लंबी अवधि का लोन दिया जाएगा, जिस पर ब्याज नहीं लगेगा. 

साथ ही बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य बीमा की व्यवस्था की जाएगी लेकिन मुफ्त में नहीं होगी, कम और आसान किस्तों पर पैसा लिया जाएगा. स्वरोजगार के लिए युवकों को लंबी अवधि का लोन दिया जाएगा, जिस पर कोई चक्रवृद्धि ब्याज नहीं होगा और ब्याज का प्रतिशत बहुत कम होगा. महिलाओं की शिक्षा और रोजगार के लिए भी कई तरह के स्कीम लाए जा सकते हैं, लेकिन वह भी मुफ्त में नहीं होगा. शिक्षा लोन ब्याज रहित हो सकता है और रोजगार के लिए लोन आसान तरीके से एक प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध होगा.

बिजली बिल माफी का वादा पार्टी नहीं करेगी, उसकी जगह बिल कम आए उसकी व्यवस्था करने का वादा करेगी. जानकारी के मुताबिक, बहुत जल्द बीजेपी अपने सभी राज्य इकाइयों को निर्देश भेजने वाली है. राज्यों से पार्टी सुझाव मांगेगी कि फ्री की घोषणा से कैसे बचा जाए. अपने इस रणनीति की गुजरात और हिमाचल चुनाव में औपचारिक शुरुआत बीजेपी करने जा रही है.