सरकार ने आरसीईपी समझौते पर उद्योग, उपभोक्ताओं को आश्वस्त किया
गोयल के अनुसार, सरकार घरेलू उद्योग के साथ ही उपभोक्ताओं की रक्षा के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाएगी.
नई दिल्ली:
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) के खिलाफ एक भय का वातावरण पैदा किया जा रहा है उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव का उचित तरीके से आकलन किए बगैर इस महाव्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य नहीं है. गोयल यहां बुधवार को वैश्विक मर्चेडाइज और सेवा व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने, द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को प्रबंधित करने और नए युग के नीति निर्माण को सामने लाने पर उच्चस्तरीय सलाहकार समूह की रिपोर्ट जारी करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.
गोयल के अनुसार, सरकार घरेलू उद्योग के साथ ही उपभोक्ताओं की रक्षा के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाएगी. इस मेगा मुक्त व्यापार समझौते एफटीए पर आसियान सदस्य देशों (ब्रुनेई, दारुस्सलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) और आस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड के बीच बातचीत चल रही है. जिन मुद्दों पर बातचीत चल रही है, उनमें वस्तु एवं सेवा कारोबार, निवेश, अर्थव्यवस्था और तकनीकी सहयोग, बौद्धिक संपदा, प्रतिस्पर्धा, विवाद समाधान, ई-कॉमर्स और लघु एवं मध्यम उद्यम से जुड़े मुद्दे शामिल हैं. कई दौर की बातचीत हो चुकी है और इस समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. कुल 25 अध्यायों पर बातचीत होनी है, और देशों के बीच इनमें से अधिकतर अध्यायों पर सहमति बन गई है.
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पाम तेल का इम्पोर्ट बंद करने में सरकार की कोई भूमिका नहीं: गोयल
इसके पहले केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पाम तेल का इम्पोर्ट बंद करने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है. केंद्रीय मंत्री नए आगे कहा कि सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा मलेशिया से पाम तेल का इम्पोर्ट खत्म किए जाने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है. इस फैसले पर मेरा कोई अपना विचार नहीं है. पीयूष गोयल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि, कश्मीर पर मलेशिया का पाकिस्तान का साथ देना उनको अच्छा नहीं लगा, क्योंकि ये हमारा अंदरुनी मामला है. भारत ने देश की एकता और संप्रभुता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. आपको बता दें कि 21 अक्टूबर को खाद्य तेल संगठन ने अपने सभी सदस्यों से आह्वान किया कि वे मलेशिया से पाम तेल इम्पोर्ट करना पूरी तरह बंद कर दें.
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SEAI के 875 सदस्य हैं और वे सालाना 30 मिलियन टन ऑयलसीड प्रोसेसिंग करते हैं. आपको बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा खाद्य तेल खरीदार है और सालाना करीब 9.5 मिलियन टन खाद्य तेल बाहरी देशों से इम्पोर्ट करता है. इसमें से 3 मिलियन टन खाद्य तेल मलेशिया से इम्पोर्ट होता है. सितंबर के दौरान खाद्य और अखाद्य तेलों का आयात 13 प्रतिशत घटकर 13,03,976 टन रहा. एक साल पहले इसी माह यह 14,91,174 टन था.
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