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Rahul Gandhi Exclusive नोटबंदी के बाद पीएम मोदी ने देश की आवाज नहीं सुनी : राहुलगांधी

कांग्रेस सुनती है और सुनकर काम करती है. आरएसएस बोलती है. आरएसएस प्रचार का इंस्ट्रुमेंट है.

Updated on: 14 May 2019, 08:47 AM

highlights

  • राहुल ने नोटबंदी पर पीएम मोदी पर साधा निशाना
  • कांग्रेस सुनती है सुनकर काम करती है
  • वो कौन सी शक्ति थी जिससे सुप्रीम कोर्ट जज भी परेशान थे

नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हमारे सहयोगी चैनल न्यूज नेशन (News Nation) से बातचीत करते हुए नोटबंदी (Demonetisation) के बारे में पूछे जाने पर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मे मोदी ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर (RBI Governor) से पूछे बिना ही 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए. उन्होंने उस समय देश की आवाज नहीं सुनी. देश की आवाज ने कहा कि वित्तीय मामलों में हम आरबीआई(RBI) जैसी संस्था को अपना एडवाइजर बनाएंगे. नरेंद्र मोदीजी ने उनको परे कर दिया. कांग्रेस पार्टी ऐसा कभी नहीं करती.

राहुल गांधी यहीं पर नहीं रुके उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, कांग्रेस पार्टी ने कभी भी आरबीआई को किनारे नहीं किया. कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल में कभी भी सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने कोई प्रेस कान्फ्रेंस करके कभी नहीं कहा कि हमें कोई शक्ति काम नहीं करने दे रही है यह पहली बार बीजेपी के शासन में ही देखने को मिला है. राहुल गांधी ने कहा आखिर कौन सी वो शक्ति है जो सुप्रीम कोर्ट के जजों को काम नहीं करने दे रही है. किसका नाम लिया? कौन सी शक्ति थी? जज लोया का नाम लिया? शक्ति तो क्लीयर है. शक्ति नरेंद्र मोदी थी. प्लानिंग कमीशन को भी उन्होंने नहीं छोड़ा. इलेक्शन कमीशन पर आक्रमण किया. आरबीआई पर आक्रमण किया. कांग्रेस ने ऐसा कभी नहीं किया. कांग्रेस अगर करना भी चाहे तो नहीं कर सकती. क्योंकि कांग्रेस का जो सिस्टम है वह आरएसएस के डिजाइन का नहीं है.

कांग्रेस का सिस्टम कंट्रोल का नहीं है. कांग्रेस सुनती है और सुनकर काम करती है. आरएसएस बोलती है. आरएसएस प्रचार का इंस्ट्रुमेंट है. आरएसएस सोचती नहीं. आरएसएस बस बोलती है. आरएसएस एम्पलीफायर है. उनकी विचारधारा का एम्प्लीफायर है. हमारी आइडियोलॉजी हिंदुस्तान को सुनकर बनती है. हमारी पार्टी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया. उसे आप लेफ्ट ऑफ सेंटर कह सकते हैं. उसी पार्टी ने 10-15 साल बाद उदारीकरण किया. उसे आप राइट ऑफ सेंटर कह सकते हैं. उसी पार्टी ने मनरेगा दिया. उसी पार्टी ने जीएसटी की बात की. तो कांग्रेस पार्टी प्रैग्मेटकली सुनकर काम करती है. जो देश कह रहा है उसका इस्तेमाल कर सरकार चलाते हैं. हमारा लाइन ऑफ थॉट यह है कि हिंदुस्तान की आवाज सुनकर सरकार चलाना है.