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ई-कॉमर्स कंपनियों को अब बताना होगा किस देश में बना सामान, नियम लागू

नए कानून के तहत ई-कॉमर्स (E-Commerce) कंपनियों को विक्रेता के बारे में जानकारी, उसका पता, ग्राहक के लिए संपर्क को लेकर नंबर समेत विक्रेता की अगर कोई रेटिंग है तो उसके बारे में सूचना समेत अन्य जानकारी देनी होगी.

Updated on: 25 Jul 2020, 06:59 AM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स (E-Commerce) कंपनियों को लेकर नया रूल जारी किया है. अब किसी भी ई-कॉमर्स साइट पर मिलने वाले उत्पादों पर यह लिखा होना जरूरी है कि वह सामान कहां बना है. अगर कोई ई-कॉमर्स कंपनी ऐसा नहीं करती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएंगी. इसके लिए सरकार ने 'Consumer Protection (E-Commerce) Rules 2020 को नोटिफाई किया है.

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सभी इलेक्ट्रॉनिक खुदरा विक्रेताओं पर लागू
इस नियम को सभी कंपनियों पर लागू किया गया है. वह चाहें भारत की कंपनी हो या कोई भी विदेशी. यह नियम भारतीय ग्राहकों को सामान और सेवाएं देने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक खुदरा विक्रेताओं पर लागू होगा. नए नियमों के अनुसार ई-कॉमर्स कंपनियों को बिक्री के लिए रखे गये सामानों और सेवाओं की कुल कीमत के साथ अन्य शुल्कों का पूरा ब्योरा देना होगा. साथ ही उन्हें यह भी बताना होगा कि वस्तु की मियाद कब समाप्त होगी यानी यानी उसकी 'एक्सपायरी' तारीख क्या है.

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मेड इन कंट्री बताना सबसे जरूरी
खास बात यह है कि वस्तु और सेवाओं की उत्पत्ति किस देश में हुई, जानकारी देना सबसे जरूरी है. इसका मकसद यह है कि ग्राहक सामान या सेवाएं खरीदने से पहले पूरी जानकारी के साथ निर्णय कर सके. इसके साथ ही नियमों के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों को रिटर्न, रिफंड, समान को बदलने, वारंटी और गारंटी, आपूर्ति तथा अन्य सूचनाएं देनी होगी जो ग्राहकों के लिए सामान की खरीद को लेकर निर्णय करने को लेकर जरूरत हो सकती है.

विक्रेता का पता, फोन नंबर भी जरूरी
सरकार ने जो नए नियम जारी किए हैं उसके मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनियों को विक्रेता के बारे में जानकारी, उसका पता, ग्राहक के लिए संपर्क को लेकर नंबर समेत विक्रेता की अगर कोई रेटिंग है तो उसके बारे में सूचना समेत अन्य जानकारी देनी होगी. उन्हें किसी प्रकार की शिकायत को लेकर 'टिकट' संख्या भी देनी होगी जिसके जरिये ग्राहक अपनी शिकायत की स्थिति का पता लगा सकता है.