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अलवर मॉब लिंचिंग मामला: पहलू खान हत्या मामले में जिला एवं सेशन न्यायालय ने सभी आरोपियों को बरी किया

यह घटना 1 अप्रैल 2017 की है जब हरियाणा में मेवात जिले के निवासी पहलू ख़ान जयपुर से दो गाय खरीद कर अपने घर ले जा रहे थे.

Updated on: 14 Aug 2019, 07:55 PM

highlights

  • अलवर मॉब लिंचिंग मामले में सभी आरोपी बरी
  • पहलू खान की हत्या के मामले का आया फैसला
  • कथित गोरक्षकों ने पीट-पीट कर की थी हत्या

नई दिल्ली:

अलवर जिले के बहरोड़ में पहलू खान मॉब लिंचिंग केश में आज अदालत ने फैसला सुनाते हुए सभी व्यस्क छह आरोपियों को साक्ष्य अभाव में बरी कर दिया. जबकि तीन अव्यस्क आरोपियों की सुनवाई किशोर न्यायालय में चलेगी. पीडित पक्ष के वकील ने इस फैसले को एतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे न्यायालय की गरिमा बढेगी. वहीं पहलू खान के पक्ष से सरकारी वकील का कहना है कि इस मामले में फैसले का अध्ययन कर अपर कोर्ट में अपील की जायेगी. अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या एक न्यायाधीश सरिता स्वामी ने आज पहलू खान के मामले में फैसला सुनाते हुए सभी छह आरोपियों को साक्ष्य अभाव में फैसला बरी कर दिया. जबकि 3 नाबालिग आरोपियों का मामला जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है. इन तीनों का ट्रॉयल अलग से चलेगा और अलग से ही फैसला होगा.

यहॉ उल्लेखनीय है कि अलवर जिले के बहरोड़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत 1अप्रैल 2017 को जयपुर के हटवाड़े से दुधारू गाय लेकर जा रहे हरियाणा के नूह क्षेत्र जयसिंह पूरा गांव निवासी पहलू खान की पिटाई कर दी थी. इसके अलावा उसके बेटे उमर और ताहिर की भीड़ ने जमकर पिटाई की थी. पुलिस ने भीड़ से छुड़ाकर बहरोड़ के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहाँ ईलाज के दौरान पहलू खान की 4 अप्रैल 2017 को मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस जांच में 6 नामजद आरोपीयो को पुलिस ने आरोपी नहीं माना था उनकी जगह वीडियो और अन्य साक्ष्यों के आधार पर 9 लोगों को आरोपी बनाया था जिसमें तीन नाबालिग भी शामिल है. 4 अप्रैल 2017 को पहलू खान की इलाज के दौरान कैलाश अस्पताल में मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस के द्वारा धारा 147, 323, 341, 308, 379,427 और 302 आईपीसी में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी. जांच के बाद पुलिस के द्वारा कोर्ट में विपिन यादव, रविन्द्र, कालूराम, दयानंद और योगेश कुमार व भीम राठी के खिलाफ चार्जशीट 31 मई 2017 को पेश की थी. सभी आरोपी हाईकोर्ट के आदेश पर जमानत पर बाहर थे.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश ओर पहलू खान मॉब लिंचिंग केस में बहरोड़ से एडीजे कोर्ट नंबर 1 अलवर में ट्रांसफर कर दिया गया था. इस मामले की सुनवाई लगातार एडीजे कोर्ट नम्बर के चल रही थी. कोर्ट में माननीय न्यायाधीश डॉक्टर सरिता स्वामी ने 7 अगस्त को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पहलू खान हत्या मामले को 14 अगस्त को फैसले के लिए रखा था.
इस मामले में 44 गवाहों के बयान कोर्ट में कराए गए हैं इसके अलावा को पत्रावली के आधार पर साक्ष्यों और एविडेंस को पत्रावली पर लिया गया था.
इधर पहलू खान के मामले में सरकार द्वारा नियुक्त अपर लोक अभियोजक योगेन्द्र सिंह खटाणा ने बताया कि अदालत का फैसला सिरोधार्य है. फैसले का अवलोकन किया जायेगा और अपर न्यायालय में अपील की जायेगी.

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आरोपी पक्ष के वकील हुकमचन्द ने इस फैसले का स्वागत करते हुए एतिहासिक बताया और कहा कि इस फैसले से न्यायपालिका की गरिमा बढेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने सभी आरोपियों को झूंठे मामले में फंसाया. अब इस मामले का फैसला हो गया कि कौन सही है. एडवोकेट हुकमचन्द ने बताया कि किन आधारों पर बरी किया है. यह पूरा फैसला पढऩे के बाद ही पता चलेगा. उन्होंने इस मामले को हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर संसद में शोर मचाने वाले लोगों के गाल पर बड़ा तामचा है. अपर लोक अभियोजक योगेंद खटाणा ने बताया कि दो अप्रैल 2017 को बहरोड़ थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था.

जांच के बाद पुलिस ने कोर्ट में विपिन, रवींद्र, कालूराम, दयानंद और योगेश कुमार के खिलाफ चार्जशीट 31 मई 2017 को पेश की थी. इसके बाद पुलिस ने दीपक गोलियां और भीमराठी को भी आरोपी मानते हुए सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. उन्होंने बताया कि एडीजे कोर्ट में पुलिस द्वारा चार्जशीट पेश होने के बाद लगातार सुनवाई हुई. पहलू खान के बेटों सहित 44 गवाहों के बयान कोर्ट में कराए गए हैं. गौरतलब है कि यह मामला राजस्थान से लेकर दिल्ली तक उठा था. इस मामले में वसुंधरा सरकार को देशभर में आलोचना झेलनी पड़ी थी. पिछले दिनों सरकार ने विधानसभा में मॉब लिंचिंग कानून पारित कराया है. वहीं बात करें साल 2019 में देशभर में हुए गाय के नाम पर हिंसा की तो करीब 8 घटनाएं हो चुकी हैं.

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