कोरोना वायरस के बीच घर जाने के लिए आनंद विहार में उमड़े हजारों लोग, देखें Video
देशभर में लॉकडाउन के चौथे दिन शनिवार को मजदूरों का पलायन एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है.
नई दिल्ली:
देशभर में लॉकडाउन के चौथे दिन शनिवार को मजदूरों का पलायन एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है. इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. सबसे बुरा हाल दिल्ली-एनसीआर है, जहां मजदूर, रिक्शा चालक और फैक्ट्री कर्मचारी अपने-अपने गांव जाने के लिए हजारों की तादाद में निकल पड़े हैं. इसके साथ ही देश के दूसरे छोटे बड़े शहरों से भी लोगों का पलायन इसी तरह जारी है. चाहे वो कानपुर हो, सोनीपत हो या फिर कोई और शहर.
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मीडिया रिपोर्ट अनुसार, दिल्ली-एनसीआर बॉर्डर पर लाइन में खड़ा एक मजदूर का कहना है कि लॉकडाउन में खाना नहीं है, काम नहीं है, मर जाएंगे यहां. ANI की ओर से जारी तस्वीरें बताती हैं कि कोरोना वायरस को लेकर लोगों के मन में अजीब सी दहशत है. लोगों में घर पहुंच जाने की अजीब सी तड़प उठी है, जो जहां था, वहीं से निकल गया शहर से गावों के लिए.
#WATCH Migrant workers in very large numbers at Delhi's Anand Vihar bus terminal, to board buses to their respective home towns and villages pic.twitter.com/4nXZ1D1UNn
— ANI (@ANI) March 28, 2020
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आनंद विहार बस बड्डे पर मजदूरों का ऐसा रेला लगा है, जैसे मानों उनका गांव जाना बहुत जरूरी है. परिवार को पालने कि चिंता में जो मजदूर दिल्ली में आकर अपना पसीना बहाता था, वो मजदूर कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते सिर पर गठरी लादे और हाथ में बच्चा उठाए अपने पैतृक गांव के लिए निकल पड़ा है.
दिल्ली सरकार प्रवासी मजदूरों के रहने के लिए स्कूलों को रैन बसेरों में परिवर्तित कर रही है
बता दें कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए देशभर में लगाए गए लॉकडाउन के बीच फंसे हुये प्रवासी मजदूरों के रहने के लिए दिल्ली सरकार ने गाजीपुर क्षेत्र के स्कूलों को रैन बसेरों में बदलना शुरू कर दिया है. मंगलवार मध्यरात्रि से लगाए गए 21-दिवसीय लॉकडाउन की वजह से कई राज्यों में बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूरों को शहरों से अपने गांव जाने पर मजबूर होना पड़ा है. उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के हजारों प्रवासी मजदूर गाजीपुर और दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा के आस-पास के क्षेत्रों में एकत्रित हुए हैं.
सिसोदिया ने संवाददाताओं से कहा कि हमने स्कूलों (गाजीपुर में) को रैन बसेरों में परिवर्तित करना शुरू कर दिया है. हमने इसकी व्यवस्था की है कि यदि वे (प्रवासी श्रमिक) रैन बसेरों में रहना चाहते हैं, तो रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि भावनात्मक रूप से, वे अपने घर लौटना चाहते हैं। यह सही नहीं होगा यदि हम उन्हें जबरदस्ती रोकते हैं.
साथ ही उपमुख्यमंत्री ने प्रवासी कामगारों से अपील की कि वे दिल्ली न छोड़ें क्योंकि उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पूरे शहर को खिलाने की स्थिति में है. राष्ट्रीय राजधानी में अब तक कोरोना वायरस के 40 मामले सामने आए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शनिवार को भारत में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 918 तक पहुंच गई, जबकि मरने वालों की संख्या 19 है.
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