logo-image

कन्नड़ लेखक केएस भगवान के विवादित बोल, सीता के साथ राम पीते थे शराब

कन्नड़ भाषा के मशहूर लेखक केएस ने भगवान राम और मां सीता को लेकर विवादित टिप्पणी की है. उन्होंने दावा किया है कि वाल्मीकी रामायण में भगवान राम हर रोज पत्नी सीमा के साथ बैठकर शराब का सेवन करते थे.

Updated on: 22 Jan 2023, 01:58 PM

highlights

  • कर्नाटक के मांड्या में एक कार्यक्रम को संबोधित किया
  • कन्नड़ लेखक ने भगवान राम पर ऐसी और टिप्पणी भी की हैं 
  • हिंदू संगठनों ने लेखक के आवास के बाहर 'पूजा' करने का प्रयास किया.

बेंगलुरु:

कन्नड़ भाषा के मशहूर लेखक केएस भगवान ने राम और मां सीता को लेकर विवादित टिप्पणी की है. उन्होंने दावा किया है कि वाल्मीकी रामायण में लिखा है कि भगवान राम हर रोज पत्नी सीता के साथ बैठकर शराब का सेवन करते थे. उन्होंने कहा कि ये सब वे नहीं कह रहे हैं. बल्कि दस्तावेज बता रहे हैं. केएस भगवान ने 20 जनवरी 2023 को कर्नाटक के मांड्या में एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने यह विवादित टिप्पणी की है. यह पहली बार नहीं है जब कन्नड़ लेखक ने भगवान राम पर ऐसी टिप्पणी की है. 

बस 11 वर्षों तक शासन में रहे

लेखक ने वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड का जिक्र किया है. लेखक का कहना है ​कि इससे पता चलता है कि भगवान राम आदर्श नहीं थे. उन्होंने 11 हजार वर्षों तक शासन नहीं ​किया. वे बस 11 वर्षों तक शासन में रहे. 

राम आदर्श कैसे हो सकते हैं 

लेखक ने कहा कि राम दोपहर के वक्त सीता के साथ बैठते थे. दिन में शराब पीते थे. उन्होंने पत्नी सीता को जंगल में भेज दिया, उनकी बिल्कुल परवाह नहीं की. उन्होंने पेड़ के नीचे तपस्या कर रहे, शूद्र शंबूक का सिर काट दिया था. वे किस तरह से आदर्श हो सकते हैं. 

भगवान राम पर बड़ा विवाद

लेखक केएस भगवान ने बड़ा विवाद खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान राम 'नशा' करते थे और सीता को भी इसका सेवन कराते थे. उन्होंने अपनी पुस्तक 'राम मंदिर यके बेड़ा' में इसका जिक्र किया है. 

हिंदू संगठनों ने किया विरोध

इसे लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध किया है. हिंदू संगठनों ने लेखक के आवास के बाहर 'पूजा' करने का प्रयास किया. इसे रोकने ​के लिए पुलिस लगाई गई. यहां पर आवास की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. एक हिंदू संगठन ने कहा, 'भगवन ने अपनी पुस्तक 'राम मंदिर यके बेदा' में वाल्मीकि रामायण के अंतिम अध्याय उत्तर कांड के छंदों का उल्लेख किया. मगर उन्हें पता होना चाहिए कि हिंदू उत्तर कांड से सहमत बिल्कुल नहीं है. ऐसा इसलिए क्यों कि वाल्मीकि ने अध्याय नहीं लिखा है. बल्कि 24,000 श्लोक लिखे हैं. इसमें उत्तर कांड का कोई भी उल्लेख नहीं है.