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Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 को लेकर इसरो ने दी ये नई जानकारी, स्लीप मोड में गया विक्रम लैंडर

Chandrayaan-3: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुप पर सूरज ढलने के साथ ही चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान स्लीप मोड में चले गए हैं. हालांकि, स्लीप मोड में जाने से पहले रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा की सतह पर कई महत्वपूर्ण काम किए.

Updated on: 04 Sep 2023, 03:11 PM

highlights

  • स्लीप मोड में गया लैंडर विक्रम
  • 22 सितंबर को जागने की उम्मीद
  • इसरो ने दिया चंद्रयान-3 को लेकर अपडेट

New Delhi:

Chandrayaan-3: भारत के चंद्र मिशन इसरो की योजना के मुताबिक सफल हो गया और अब ये चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रात होने के साथ सो गया. इससे पहले चंद्रयान-3 ने कामयाबी की एक ओर छलांग लगाई. चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने 3 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर एक बार फिर से लैंडिंग की. हालांकि, रोवर प्रज्ञान पहले ही स्लीप मोड में चला गया. लेकिन विक्रम काम करता रहा. उसके बाद लैंडर विक्रम को ने 40 सेमी की ऊंचाई तक छलांग लगाई और उसके बाद इसकी लैंडिंग की गई. इस घटना को कैमरे में भी कैद किया गया. जिसे इसरो ने आज (सोमवार) को जारी किया. इसरो ने बताया कि लैंडर विक्रम ने अपनी इस छलांग के दौरान ऊंचाई और लंबाई दोनों में दूरी को तय किया.

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इसरो ने जारी किया ताजा अपडेट

इसरो के ताजा अपडेट के मुताबिक, लैंडर विक्रम की 3 सितंबर को दोबारा लैंडिंग के बाद ये आज (सोमवार) सुबह स्लीप मोड में चला गया. इसने एक्स पर एक ट्वीट किया. साथ ही उसकी तस्वीरें भी शेयर की. इसरो ने एक्स पर लिखा, विक्रम लैंडर आज सुबह लगभग 08:00 बजे स्लीप मोड में चला गया. इससे पहले,  ChaSTE, RAMBHA-LP और ILSA द्वारा नए स्थान पर इन-सीटू प्रयोग किया गया. लैंडर द्वारा एकत्र किया गया डेटा पृथ्वी पर प्राप्त हो गया. पेलोड अब बंद कर दिए गए हैं. लैंडर रिसीवर चालू रखे गए हैं. सौर ऊर्जा ख़त्म हो जाने और बैटरी खत्म हो जाने पर विक्रम, प्रज्ञान के बगल में सो जाएगा. जिसके 22 सितंबर, 2023 के आसपास जागने की उम्मीद है.

14 जुलाई को लॉन्चिंग 23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंडिंग

बता दें कि इसरो ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया था. इसके बाद 23 अगस्त की शाम 6.04 बजे चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई गई थी. इसके कुछ घंटे बाद प्रज्ञान रोवर लैंडर विक्रम से बाहर आया और उसके बाद उसने अपना का करना शुरु किया. अब चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव पर रात हो गई है जिसके चलते रोवर और लैंडर ने काम करना बंद कर दिया है. 22 सितंबर को जब दक्षिणी ध्रुव पर दिन होगा तब इसरो एक बार फिर से लैंडर और रोवर से संपर्क करने की कोशिश करेगा. अगर ऐसा हुआ तो इसरो के लिए ये बड़ी कामयाबी होगी.