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कमाल है! Chandrayaan-3 की मून लैंडिग के लिए ISRO का ये जादुई पैंतरा...

Chandrayaan-3: भारत के चंद्रयान-3 ने अपनी दूसरी और अंतिम डीबूस्टिंग को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. अब सभी को 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग का इंतजार है.

Updated on: 21 Aug 2023, 11:15 AM

highlights

  • चंद्रयान-3 की अंतिम डीबूस्टिंग सफल
  • चांद की सतह से 25 किमी दूर लैंडर विक्रम
  • 23 अगस्त को कराई जाएगी सॉफ्ट लैंडिंग

 

New Delhi:

Chadrayaan-3: भारत का चंद्रयान-3 इतिहास लिखने से बस चंद कदम दूर रह गया है. इसरो को चंद्रयान-3 की आखिरी डीबूस्टिंग (चंद्रयान की गति को कम करना) में सफलता मिल गई है. अब बस इंतजार है तो 23 अगस्त का जब चंद्रयान-3 चांद की सतह पर लैंड करेगा. इस बारे में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार तड़के जानकारी दी. इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 का दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग ऑपरेशन सफल रहा. अब लैंडर विक्रम चांद की सतह से सिर्फ 25 किमी दूर है. बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने चंद्रयान-3 की गति को घटाने और उसे चंद्रमा की सबसे करीबी कक्षा में भेजने के लिए जरूरी इस काम में सफलता हासिल कर ली है. अब मॉड्यूल की आखिरी जांच की जानी बाकी है.

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इसके साथ ही पावर्ड डिसेंट 23 अगस्त को शुरू होने की उम्मीद है. इस दौरान चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी. बता दें कि डीबूस्टिंग चंद्रयान को चांद की एक ऐसी कक्षा में स्थापित करने के लिए की जाने वाली वह धीमा प्रक्रिया है, जहां कक्षा का चंद्रमा से निकटतम बिंदु (पेरिल्यून) सिर्फ 30 किमी. है वहीं सबसे दूर का बिंदु (अपोल्यून) 100 किमी दूर है.

इस बारे में इसरो ने एक्स पर कहा कि, 'दूसरे और अंतिम डीबूस्टिंग ऑपरेशन ने LM कक्षा को सफलतापूर्वक 25 किमी. x134 किमी. तक कम कर दिया है. मॉड्यूल को आंतरिक जांच से गुजरना होगा और निर्दिष्ट लैंडिंग स्थल पर सूर्योदय का इंतजार करना होगा. पावर्ड डिसेंट 23 अगस्त को भारतीय समयानुसार करीब 1745 (शाम 5.45 बजे) बजे शुरू होने की उम्मीद है.' बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने एक महत्वपूर्ण डीबूस्टिंग प्रक्रिया को पूरा कर लिया था. इससे एक दिन पहले यानी गुरुवार को प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग होने के बाद थोड़ी निचली कक्षा में उतर गया.

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इतिहास रचेगा भारत

बता दें कि इससे पहले इसरो ने कहा था कि, "लैंडर मॉड्यूल (LM) की स्थिति सामान्य है. एलएम ने सफलतापूर्वक एक डीबूस्टिंग ऑपरेशन किया, जिससे इसकी कक्षा 113 किमी. x157 किमी. तक कम हो गई. दूसरा डीबूस्टिंग ऑपरेशन 20 अगस्त को लगभग 0200 बजे आईएसटी के लिए निर्धारित है." गौरतलब है कि चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर का नाम विक्रम साराभाई के नाम पर 'विक्रम' रखा गया है. विक्रम साराभाई को ही भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है. भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन चांद की सतह पर कदम रख चुका है और 23 अगस्त को भारतीय मिशन को सफलता मिलेगी ऐसा करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा.