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संस्कृत बोलने से कम होता है डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल, बीजेपी सांसद ने किया दावा

मध्य प्रदेश के सतना से बीजेपी सांसद गणेश सिंह ने कहा कि इस्लामी भाषाओं समेत दुनिया की 97 फीसदी भाषाएं संस्कृत पर आधारित हैं.

Updated on: 13 Dec 2019, 09:07 AM

नई दिल्ली:

लोकसभा ने गुरुवार को देश में संस्कृत के तीन मानद विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के प्रावधान वाले विधेयक को मंजूरी दे दी. इस विधेयक पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सांसद गणेश सिंह ने दावा किया कि अमेरिका आधारित एक शिक्षण संस्थान के अनुसंधान के अनुसार रोजाना संस्कृत भाषा बोलने से तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है और मधुमेह तथा कॉलेस्ट्रॉल कम होता है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक अनुसंधान के अनुसार अगर कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग संस्कृत में की जाए तो यह अधिक सुगम हो जाएगी.

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मध्य प्रदेश के सतना से बीजेपी सांसद गणेश सिंह ने कहा कि इस्लामी भाषाओं समेत दुनिया की 97 फीसदी भाषाएं संस्कृत पर आधारित हैं. उन्होंने कहा कि इन भाषाओं की बुनियाद संस्कृत रही है. वहीं विधेयक पर चर्चा के दौरान बीजेपी के सत्यपाल सिंह ने कहा कि संस्कृत आदि भाषा है और सभी भाषाओं के मूल में संस्कृत है. वेदों और संस्कृत से भारत का आधार है. उन्होंने कहा कि संस्कृत देवों और पूर्वजों की भाषा है और यह वैज्ञानिक भाषा है एवं सर्वमान्य है.

उधर, विधेयक पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने संस्कृत में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि द्रमुक के मित्र संस्कृत को लेकर जो कह रहे हैं, उनसे कहना चाहता हूं कि संस्कृत से तमिल या किसी भी भाषा का नुकसान नहीं होने वाला है. संस्कृत एक समावेशी भाषा है और दुनिया कई भाषाओं से इसका संबंध है. सारंगी ने यह भी कहा कि संस्कृत और तमिल में बहुत सारी समानताएं हैं. उन्होंने इस विधेयक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का धन्यवाद किया.

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बता दें कि लोकसभा ने ध्वनिमत से केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक 2019 को मंजूरी दी. संसद से विधेयक के पारित होने के बाद दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, लाल बहादुर शास्त्री विद्यापीठ और तिरुपति स्थित राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का दर्जा मिल जाएगा. अभी तीनों संस्थान संस्कृत अनुसंधान के क्षेत्र में अलग-अलग कार्य कर रहे हैं.