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Bathinda Military Station हत्याकांड का चश्मदीद संदिग्ध के तौर पर गिरफ्तार

बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में जवानों की हत्या की जांचकर्ताओं ने कहा कि कैंपस के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया गया है, जिसमें बाहर से घुसपैठ के किसी भी प्रयास का संकेत नहीं मिला है.

Updated on: 17 Apr 2023, 10:18 AM

highlights

  • बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में जवानों की हत्या का एकलौता चश्मदीद अब आरोपी
  • पंजाब के एसएसपी ने सोमवार को दी जानकारी. कहा- गवाह का बयान लचर
  • 12 अप्रैल को 80 मीडियम रेजीमेंट के चार जवानों की गोली मार की गई थी हत्या

बठिंडा:

बठिंडा मिलिट्री स्टेशन (Bathinda Military Station) में भारतीय सेना (Indian Army) के चार जवानों की सनसनीखेज हत्या के एकमात्र चश्मदीद को संदिग्ध के तौर पर पकड़ा गया है. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी. बठिंडा (Bathinda) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलनीत खुराना ने पुष्टि की कि देसाई मोहन इस मामले में अब आरोपी बन गया है. देसाई ने ही अपराध स्थल के पास सफेद कुर्ता-पायजामा में दो नकाबपोश लोगों को देखने का दावा किया था. पुलिस दोपहर के आसपास आगे की जानकारी साझा करेगी. देसाई मोहन उन चार जवानों में शामिल था, जिसे बठिंडा पुलिस ने रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया था. उसने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया था कि सफेद कुर्ता-पायजामा पहने दो नकाबपोश व्यक्ति अपराध स्थल से भागे थे.

फिलवक्त की जांच तक बाहरी घुसपैठ का कोई संकेत
बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में जवानों की हत्या की जांचकर्ताओं ने कहा कि कैंपस के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया गया है, जिसमें बाहर से घुसपैठ के किसी भी प्रयास का संकेत नहीं मिला है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे अभी तक जांच को लेकर कोई एक निर्णायक बिंदू नहीं ले रहे हैं, क्योंकि मामले की सभी एंगल से जांच की जा रही है. एसएसपी ने कहा, 'बठिंडा मिलिट्री बेस एक शांतिपूर्ण माहौल वाला पोस्टिंग स्टेशन है, जहां सैनिक अपने-अपने परिवारों के साथ रहते हैं. जवानों की हत्याओं के पीछे पेशेवर कारणों पर संदेह के अलावा, हम व्यक्तिगत जीवन के किसी भी सूत्र को तलाशने का काम भी कर रहे हैं. ऐसा वाजिब कारण, जिसकी वजह से यह घटना हुई थी.'

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पंजाब पुलिस का आरोप सैन्य अधिकारी नहीं दे रहे पूरा विवरण
12 अप्रैल को 80 मीडियम रेजीमेंट के चार जवानों की गोली मार हत्या कर दी गई थी. इकलौते चश्मदीद गवाह के मुताबिक दो अज्ञात हमलावरों ने चोरी की राइफल से उन पर गोलीबारी की थी. भारतीय सेना और पुलिस ने इस मामले में आतंकी कोण से इंकार किया है, लेकिन चार दिन बीत जाने के बाद भी वे आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी है. घटना के बाद मिलिट्री स्टेशन पर जवानों की गिनती ने स्थापित किया था कि सैन्य स्टेशन से कोई भी गायब नहीं था. इससे बाहरी लोगों की भागीदारी का संकेत मिलता है. दूसरी ओर पुलिस ने दावा किया है कि सेना के अधिकारी घटना के बारे में स्पष्ट विवरण नहीं दे रहे हैं. पुलिस ने सैन्य स्टेशन के 12 जवानों को पूछताछ के लिए उपस्थित होने का नोटिस जारी किया था, लेकिन केवल चार जवान ही पुलिस के सामने पेश हुए.