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इस साल दिसंबर तक BJP अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे अमित शाह, इन राज्यों में होगा चुनाव

बैठक में पूर्व मुख्यमंत्रियों में शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह और वसुंधरा राजे, महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, भूपेन्द्र यादव और जे.पी नड्डा के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के राज्य इकाई प्रमुख भी शामिल रहे

Updated on: 13 Jun 2019, 04:03 PM

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में गुरुवार को राज्य प्रमुखों सहित पार्टी शीर्ष नेताओं की एक बैठक हुई. इस बैठक में संगठनात्मक चुनावों, सदस्यता अभियान और अन्य संबंधित मुद्दों जैसे कि उनके उत्तराधिकारी को खोजने के लिए किए जाने वाले कार्यक्रम को लेकर चर्चा की गई.

बैठक में पूर्व मुख्यमंत्रियों में शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह और वसुंधरा राजे, महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, भूपेन्द्र यादव और जे.पी नड्डा के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के राज्य इकाई प्रमुख भी शामिल रहे. बैठक में पार्टी में विभिन्न पदों को भरने के लिए नए नेताओं का चुनाव करने की उम्मीद जताई गई.

बीजेपी अध्यक्ष पद पर भी हुई चर्चा

बैठक में इस सवाल पर भी चर्चा हुई कि क्या अब शाह जो गृह मंत्री बन गए हैं, वह कार्यालय का कार्यभार संभालेंगे या और दो आशान्वितों - नड्डा या भूपेंद्र यादव में से एक को अध्यक्ष पद का प्रभार सौंपेंगे. जानकार सूत्रों ने संकेत दिया है कि जहां बीजेपी सत्ताधारी पार्टी है, जैसे हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड, इन महत्वपूर्ण राज्य के चुनावों की देखरेख के लिए शाह इस साल दिसंबर तक अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे. अब राष्ट्रपति शासन को हटाकर जम्मू और कश्मीर में भी चुनाव होने हैं. ऐसे में अमित शाह शुक्रवार को विभिन्न राज्यों के पार्टी महासचिवों (संगठन) से भी मुलाकात करेंगे.

गुरुवार की बैठक शाह द्वारा पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ लोकसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत के लिए बधाई देने के साथ स्वागत करने के लिए शुरू हुई. इससे पहेल बुधावर को कैबिनेट और मंत्रिपरिषदों की बैठक हुई थी जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इस बैठक में फैसला लिया गया था कि मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से निजात दिलाने के लिए इस बार बिल लाया जाएगा और विपक्ष ने जो आपत्ति जाहिर किया उस पर भी ध्यान दिया जाएगा. इसके अलावा इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने को मंजूरी भी दी गई, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर में छह महीने के राष्ट्रपति शासन को बढ़ा दिया गया है.