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ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर आ सकते हैं बीजेपी संग, कयासों का बाजार गर्म

कांग्रेस का 'हाथ' झिड़कने वाले अल्पेश ठाकोर की गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल से सोमवार को हुई मुलाकात ने अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है.

Updated on: 27 May 2019, 05:40 PM

highlights

  • अल्पेश ठाकोर ने गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल से की मुलाकात.
  • आने वाले दिनों में तीन-चार प्रमुख साथियों संग शामिल हो सकते हैं बीजेपी में.
  • ऐन लोकसभा चुनाव से पहले झिड़क दिया था कांग्रेस का हाथ.

नई दिल्ली.:

लोकसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस का 'हाथ' झिड़कने वाले अल्पेश ठाकोर (Alpesh Thakur) की गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल से सोमवार को हुई मुलाकात ने अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है. माना जा रहा है कि वह बदली परिस्थितियों में बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. हालांकि यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि कांग्रेस से नाता तोड़ते वक्त भी यह अटकलें तेज हो गई थीं कि अल्पेश बीजेपी (BJP) के साथ जा सकते हैं. गौरतलब है कि अल्पेश के साथी हार्दिक पटेल ने भी लोकसभा चुनाव के ऐन बीच कांग्रेस का हाथ थाम लिया था.

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सोमवार को घंटे भर की हुई डिप्टी सीएम से मुलाकात
ऐसे में सोमवार को नितिन पटेल (Nitin Patel) संग लगभग घंटे भर की मुलाकात के बाद राज्य की राजनीति में उनके बीजेपी में शामिल होने के कयास औऱ तेज हो गए हैं. इस घटनाक्रम से परिचित एक सूत्र का कहना है कि अल्पेश ठाकोर आने वाले दिनों में अपने तीन-चार प्रमुख साथियों के साथ बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं. राज्य के उभरते हुए ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर ने जिग्नेश-हार्दिक संग तिकड़ी बनाकर बीजेपी के लिए बड़ी समस्या खड़ी करने का काम किया था. हालांकि विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ही जीत दर्ज की थी. फिलहाल अल्पेश ठाकोर गुजरात (Gujarat) के राधनपुर से कांग्रेस के टिकट पर विधायक हैं.

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लोकसभा चुनाव से पहले छोड़ी थी कांग्रेस
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से नाता तोड़ने वाले अल्पेश की राजनीति अभी नई-नई है. बताते हैं कि लोकसभा (Loksabha Elections) के लिए टिकट नहीं मिलने पर नाराज होकर उन्होंने कांग्रेस का हाथ छटका था. खासकर उनके समर्थक नहीं चाहते थे कि टिकट नहीं मिलने के बावजूद वह कांग्रेस के लिए प्रचार करें या अपने वोट कांग्रेस को ट्रांसफर करे. यही वजह है कि उनके समर्थकों की तरफ से लगातार उन पर कांग्रेस छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था.

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बीजेपी के लिए भी बने हैं सिरदर्द

गौरतलब है कि पाटीदार आंदोलन (Patidar Andolan) के समय उनके जोड़ीदार रहे हार्दिक पटेल भी कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं. उनके भी लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें थीं, लेकिन अदालती रोक लगने से वह चुनाव नहीं लड़ पाए. 2017 में गुजरात में जो विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) हुआ था, उससे पहले पाटीदार आंदोलन ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी थीं. इस आंदोलन की अगुवाई हार्दिक-जिग्नेश-अल्पेश ने ही की थी.