अग्निवीर : रात की गश्त में चीन से सामना
आजादी के अमृत महोत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है, सामान्य नागरिक रात को चैन की नींद सो रहे हैं, सुनहरे सपने देखे जा रहे हैं, लेकिन यह सब कुछ इसलिए क्योंकि मां भारती के सिपाही रात के हर पहर के प्रहरी है.
नई दिल्ली:
डोकलाम हो या गलवान भारत और चीन के सशस्त्र बलों के बीच आम तौर पर द्वंद और अतिक्रमण रात के समय ही होता है. ऐसे में आईटीबीपी अपनी योद्धाओं को अंधेरे में अग्निवीर बनाने के लिए काम कर रही हैष इसमें नाइट विजन ,थर्मल स्क्रीनिंग और अन्य अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो रात के समय के युद्ध के लिए बहुत जरूरी है. देश आजादी के अमृत महोत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है, सामान्य नागरिक रात को चैन की नींद सो रहे हैं, सुनहरे सपने देखे जा रहे हैं, लेकिन यह सब कुछ इसलिए क्योंकि मां भारती के सिपाही रात के हर पहर के प्रहरी है.
पहाड़ी जंगल में रात की गश्त
युद्ध अभ्यास में सबसे मुश्किल चरण रात की दश्त होती है, क्योंकि यहां आप लाइट नहीं जला सकते, नाइट विजन दुश्मन पर निगाह रखने के लिए तो काफी है ,लेकिन खतरा केवल शत्रु से नहीं.. रात के वक्त जंगली जीव जंतु ,शेर चीते और कोबरा जैसे सांप से भी खतरा है. ऊपर से हिमालय के जंगल का मुश्किल भूगोल मॉनसून की बारिश इन अग्नि वीरों की कठिन परीक्षा ले रही है.
रात के अंधेरे में दुश्मन पर प्रहार
भारत की पश्चिमी सीमा पर बीएसएफ को जो रात के समय आतंकवादियों के घुसपैठ पर निगाह रखती है या पूर्वी सीमा पर आइटीबीपी जो चीन की हर चाल को निष्प्रभाव करने के लिए हर पहर पर तैयार रहती है, लेकिन ऐसे में रात के वक्त अगर घुसपैठ की कोशिश की जाएगी तो उस दुश्मन को मां भारती की सीमा में घुसने से पहले ही धराशाई कर दिया जाएगा.
ऐसी परिस्थिति को दिखाते हुए आइटीबीपी के स्पेशल कमांडो दस्ते ने रात के समय ही गोलाबारी शुरू कर दी. जबकि दूसरा दस्ता यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि जैसे गलवान तनाव के वक्त भारतीय स्पेशल फोर्स ने हेलमेट टॉप और ब्लैक टॉप पर कब्जा किया था, अगर हिमालय की कैलाश रेंज से लेकर कहीं भी ऐसा कब्जा दोबारा करने की जरूरत पड़ी तो दबे पाव भारत के ये हिमवीर किसी भी परिस्थिति में शत्रु देश में जाकर भी भौगोलिक बढ़त बना सकते हैं.
अंधेरे में ड्रैगन से सामना
आइटीबीपी की सभी फॉरवर्ड पोस्ट जो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी चीन की सीमा के करीब है, वहां कम से कम एक अधिकारी ऐसा होता है जिसे चीन की भाषा मैंडरिन बोलने लिखने और पढ़ने आती है, साथ ही भारतीय जवान अपने साथ एक बैनर भी रखकर लाते हैं ,जिसमें लिखा होता है. "भूमि का यह भाग भारत का है, दोनों देशों के बीच हुई संधि के मुताबिक आप इस स्थान से वापस चले जाएं". यह चीन की भाषा और अंग्रेजी दोनों में लिखा होता है.
यह भी पढ़ें: BJP ने फोटो शेयर कर घेरा तो हामिद अंसारी बोले- नुसरत मिर्जा को नहीं जानता
इसके बावजूद अगर चीन की सेना आगे बढ़ने की कोशिश करती है तो आइटीबीपी के जवान मानव श्रृंखला बनाते हैं और इस ह्यूमन चेन को इतना शक्तिशाली बनाया जाता है कि ड्रैगन की लाल सेना इस चेन को पार करने की हिम्मत ना कर पाए और नो मैंस लैंड में चीन की हर चाल को नाकाम कर दिया जाए.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Vastu Tips: पर्स में रख लें ये 5 चीजें, नोटों से भरा रहेगा बटुआ, मां लक्ष्मी भी होंगी खुश!
-
Career Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों को मिलेगी नौकरी-व्यापार में तरक्की, आपके कदम चूमेगी कामयाबी
-
Ravivar ki Aarti: सूर्यदेव की आरती के साथ इस स्तुति और मंत्र का करें जाप, होगा महालाभ
-
Ravivar Ke Upay: रविवार को जरूर करें ये चमत्कारी उपाय, कुछ ही दिनों में बदल जाएगी किस्मत