'हवाई ताबूत' का अब भी देश में उड़ान भरना, कांग्रेस की देन!
'वर्ष 2007 से 2014 तक यूपीए सरकार निष्क्रियता और नीतिगत निर्णयों में लकवापन की परिचायक रही है. एमएमआरसीए प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में देरी होने के कारण चीन और पाकिस्तान ने 400 चौथी और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को शामिल कर लिया.
नई दिल्ली:
'वर्ष 2007 से 2014 तक यूपीए सरकार निष्क्रियता और नीतिगत निर्णयों में लकवापन की परिचायक रही है. एमएमआरसीए प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में देरी होने के कारण चीन और पाकिस्तान ने 400 चौथी और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को शामिल कर लिया, जबकि हमारी रक्षा ताकत कम हो गई'. लम्बे समय तक भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार रहे लड़ाकू विमान मिग-21 की सुरक्षा को लेकर पुनः सवाल खड़े होने लगे, जब हाल ही में राजस्थान के बाड़मेर में एक मिग-21 बाइसन ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसे उड़ा रहे वायुसेना के 2 पायलट शहीद हो गए. इस दुर्घटना ने फिर से सभी का ध्यान इसी ओर खींचा कि भारत अब भी एक ऐसे लड़ाकू जेट का उपयोग करता है, जिसे वर्ष 1985 में ही सोवियत संघ द्वारा सेवानिवृत्त किया गया था. यह वही मिग -21 बाइसन है, जिसे वर्ष 2019 में विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान द्वारा उड़ाया गया और पाकिस्तान द्वारा मार गिराया गया था.
देश को मिग-21 को बहुत पहले ही सेवानिवृत्त कर देना चाहिए था. यह विमान अब भी एलसीए कार्यक्रम में देरी और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के शासन में नए लड़ाकू विमानों की खरीद के साथ आगे बढ़ने में असमर्थता के कारण उड़ान भर रहा है. हालांकि, मिग -21 (बाइसन) का वर्तमान संस्करण 1963 में खरीदे गए संस्करण जैसा नहीं है. यह एक बहुत उन्नत संस्करण है और सुरक्षित भी है. किसी जमाने में फाइटर जेट मिग-21 विमान भारतीय वायुसेना की रीढ़ माने जाते थे, लेकिन अब ये विमान न तो जंग के लिए और न ही उड़ान के लिए फिट हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 1971-72 के बाद से 400 से अधिक मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं, जिसमें 200 से अधिक पायलट और अन्य 50 लोग मारे गए हैं. 2012 में पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने संसद में कहा था कि रूस से खरीदे गए 872 मिग विमानों में से आधे से अधिक दुर्घटनाग्रस्त हो गए, जिसमें 171 पायलटों, 39 नागरिकों और आठ अन्य सेवाओं के लोगों सहित 200 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. रक्षा जानकारों का मानना है कि लंबे समय से भारतीय वायु सेना (IAF) में नए फाइटर जेट शामिल नहीं होने से पूरा भार मिग-21 पर है, जो दुर्घटना के पीछे के कारणों में से एक है.
भारतीय वायु सेना के पास अभी तक 32 स्क्वाड्रन हैं. चीन और पाकिस्तान के संयुक्त खतरे से निपटने के लिए अनुमानित 42 स्क्वाड्रनों की आवश्यकता है. चूंकि मिग-21 को 2025 तक पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा, इसलिए यह संख्या घटकर 28 स्क्वाड्रन तक पहुंचने की संभावना है. एक स्क्वाड्रन में 16-18 विमान होते हैं. आज, भारतीय वायुसेना को विमानों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है और अधिकांश मौजूदा लड़ाकू जेट भी चरणबद्ध तरीके से समाप्त होने की राह पर हैं.
भारत की सीमा से सटे चीन की पश्चिमी कमान में 200 से अधिक लड़ाकू विमान हैं. दोनों आधुनिक और विरासती मॉडल हैं. भारत के साथ युद्ध की स्थिति में चीन अपने अन्य थिएटर कमांड से अधिक स्क्वाड्रन को पुनर्निर्देशित करेगा. इसके साथ पाकिस्तान के पास लगभग 350 लड़ाकू विमान है और यह एक महत्वपूर्ण चुनौती है. दोनों का संयुक्त खतरा भारत के लिए अपरिहार्य स्थिति पैदा कर सकता है. बावजूद इसके, यूपीए ने इस तरह के एक अत्यंत महत्वपूर्ण रक्षा खरीद निर्णय को ठंडे बस्ते में डालने का फैसला किया. चरणबद्ध योजना में मिग-21, मिग-29, जगुआर और मिराज-2000 शामिल हैं.
वर्तमान मोदी सरकार ने स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित 83 तेजस एमके-आईए विमान के चार स्क्वाड्रनों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और आपातकालीन आदेशों के तहत खरीदे गए 36 राफेल विमानों ने वर्ष 2020 में लद्दाख संकट के दौरान चीनियों पर बढ़त बनाए रखने में काफी मदद की. केंद्र सरकार ने बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 'भारतीय वायुसेना में लड़ाकू स्क्वाड्रनों की संख्या में गिरावट को रोकने और उनकी लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता महसूस की गई."
इसी क्रम में केंद्र ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को सही ठहराने के लिए इस दस्तावेज को सार्वजनिक किया. राफेल सौदे पर घटनाओं का क्रम देते हुए, दस्तावेज़ में कहा गया है कि MMRCA को खरीदने का प्रस्ताव भारतीय वायु सेना से सरकार को भेजा गया था और 2007 में भारत द्वारा 126 फाइटर जेट्स के लिए टेंडर जारी किए गए थे. इस लंबी अवधि के दौरान हमारे विरोधियों ने आधुनिक विमानों को शामिल किया और उनके पुराने संस्करणों को अपग्रेड किया. उन्होंने बेहतर क्षमता वाली हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हासिल कीं और बड़ी संख्या में अपने स्वदेशी लड़ाकू विमानों को शामिल किया. शीर्ष अदालत को सौंपे गए दस्तावेज़ में कहा गया है कि इसके अलावा, उन्होंने उन्नत हथियार और रडार क्षमताओं के साथ विमान का आधुनिकीकरण किया. उपलब्ध जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 से 2015 की अवधि में विरोधियों ने इस दौरान 400 से अधिक सेनानियों (20 से अधिक स्क्वाड्रन के बराबर) को शामिल किया. उन्होंने न केवल चौथी पीढ़ी के विमानों को शामिल किया, बल्कि पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान को भी शामिल किया.
यूरेशियन टाइम्स ने पहले बताया था कि पीएलए वायु सेना के पास पूर्वी लद्दाख सेक्टर में होटन एयर बेस पर लगभग दो दर्जन फ्रंटलाइन लड़ाकू विमान हैं, जिनमें जे-11 और जे-20 गोपनीय फाइटर जेट शामिल हैं. भारत के दुर्लभ AEW&C सिस्टम से भी पाकिस्तान को मदद मिली. जबकि पाकिस्तान में 10 ऐसी अत्याधुनिक प्रणालियां हैं, भारत केवल चार संचालित करता है. अधिक आधुनिक, मध्य-हवाई ईंधन भरने वाले और पुराने एवरो परिवहन विमान के प्रतिस्थापन के लिए भारतीय वायु सेना की योजना भी अभी के लिए रुकी हुई है. इस बीच, पाकिस्तान डिफेंस ने J-10C सहित 25 ऑल वेदर एयरक्राफ्ट का एक पूरा स्क्वाड्रन खरीदा है. राफेल जेट के लिए चीन का J-10C पाकिस्तान का जवाब माना जाता है.
हमारी स्वयं की कम हो रही लड़ाकू क्षमता और हमारे विरोधियों ने अपनी युद्ध क्षमता को बढ़ाने के संयुक्त प्रभाव ने स्थिति को विषम और अत्यंत महत्वपूर्ण बना दिया. एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी से जब पूछा गया कि दो मोर्चों पर युद्ध की आशंका के आधार पर भारतीय वायुसेना के पास 42 स्क्वाड्रन की स्वीकृत संख्या कब होगी, तो उन्होंने कहा कि यह कहना बहुत कठिन है. मैं केवल इतना कह सकता हूं कि यह अगले 10 से 15 वर्षों में नहीं होगी.उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के पास अगले दशक तक 35 स्क्वाड्रन होंगे. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना आधुनिकीकरण कर रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम अपने विरोधियों पर अपनी तकनीकी बढ़त बनाए रखें.
एके एंटनी, सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले रक्षा मंत्री
वर्ष 2022-23 के लिए अनुपूरक खर्च पर 21 मार्च को राज्यसभा में पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा था कि 2014 में सत्ता में आने के बाद, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को पिन से लेकर लड़ाकू विमान तक तेजी से सब कुछ खरीदना पड़ा. उन्होंने कहा कि यूपीए ने अपने कार्यकाल के दौरान सुरक्षाबलों के लिए 'शून्य खरीद' दर्ज की थी, न तो बंदूकें, कार्बाइन, बुलेटप्रूफ जैकेट और न ही गोला-बारूद.
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में रक्षा मंत्री रहे एके एंटनी ने फरवरी 2014 में कहा था कि सरकार के पास 126 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए पैसे नहीं थे. राफेल की खरीद के बारे में पूछे जाने पर एंटनी ने कहा था कि सभी प्रमुख परियोजनाओं को 1 अप्रैल तक इंतजार करना पड़ता था. एंटनी के कार्यकाल के दौरान, रक्षा बीट को कवर करने वाले विश्लेषकों और पत्रकारों के बीच एक चुटकुला लोकप्रिय था कि मंत्री जो को चाय और कॉफी के बीच एक विकल्प की पेशकश की गई तो उन्होंने तुरंत निर्णय ले लिया.
खुशखबरी
आधुनिक सैन्य विमान की विश्व निर्देशिका द्वारा भारतीय वायु सेना को अपने क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी चीन से उच्च स्थान दिया गया था और जापान वायु आत्मरक्षा बल (JASDF), इजरायली वायु सेना और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष सेना से ऊपर रखा गया था. यह मूल्यांकन दुनिया भर में विभिन्न हवाई सेवाओं की कुल लड़ाकू क्षमताओं के आकलन की रिपोर्ट के आधार पर की गई.
World Directory of Modern Military एक सूत्र का उपयोग करता है जो विभिन्न देशों की वायु सेना की कुल युद्ध शक्ति से जुड़े मूल्यों पर विचार करता है. इसमें वह विभिन्न देशों की वायु सेना की कुल युद्धक शक्ति का विचार करता है. इसमें किसी देश की वायु सेना शक्ति को आधुनिकीकरण, हमलावर क्षमता और सुरक्षा क्षमताओं सहित कई अन्य तत्वों को आधार बनाकर रेटिंग तैयार की जाती है. इस पद्धति में, किसी देश की सामरिक वायु सेना न केवल उसके पास मौजूद विमानों की संख्या से, बल्कि उसके स्टॉक की गुणवत्ता और विविधता से भी मापी जाती है. एक और अच्छी खबर यह है कि J-10C को हाल ही में पाकिस्तान द्वारा खरीदी गई चीनी वायु सेना का एक सक्षम वर्कहॉर्स माना जाता है, लेकिन यह राफेल की अत्याधुनिक क्षमताओं से नीचे है.
विशेष गुणों से युक्त दुश्मनों का काल राफेल उल्का जैसी मिसाइल से लैस है. मल्टीरोल होने के कारण दो इंजन वाला (टूइन) राफेल फाइटर जेट एयर-सुप्रेमैसी यानी हवा में अपनी बादशाहत कायम करने के साथ-साथ डीप-पेनेट्रेशन यानी दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करने में भी सक्षम है.
लेखक Himanshu Jain (@HemanNamo)एक राजनीतिक विश्लेषक हैं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Bharti Singh: अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद काम पर लौटीं भारती सिंह, बोलीं- 'आखिरकार मैं अपने गोला को देख पाऊंगी'
-
Kapil Sharma show: क्या कपिल शर्मा का नेटफ्लिक्स कॉमेडी शो होने वाला है बंद ? अब क्या करेगी टीम?
-
Hiramandi की मल्लिका जान के लिए रेखा थीं मेकर्स की पहली पसंद, मनीषा कोइराला ने खुद किया खुलासा
धर्म-कर्म
-
Bhagwat Geeta Shlok: जीवन बदल देंगे भागवत गीता के ये 10 श्लोक, आज ही अपने बच्चों को सिखाएं
-
Shani Chalisa Lyrics: शनिदेव के भक्त यहां पढ़ें शनि चालीसा और जानें इसके चमत्कारी लाभ
-
South Facing House Vastu: दक्षिण दिशा में है आपका घर, घबराए नहीं, आप भी बन सकते हैं अमीर
-
Mulank 5 Numerology 2024: इस मूलांक के लोगों को मई में मिलने वाली है तरक्की या नई नौकरी