Aditya-L1: आदित्य-एल1 ने कक्षा बदलने की आखिरी प्रक्रिया को किया पूरा, पांचवीं बार हुई अर्थ बाउंड फायरिंग
Aditya-L1: इसरो को सौर मिशन आदित्य-एल1 अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत आगे बढ़ रहा है. मंगलवार रात करीब ढाई बजे आदित्य-एल1 ने कक्षा बदलने की अपनी पांचवीं और आखिरी प्रक्रिया को भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया और अब ये सूर्य के एल1 प्वाइंट की ओर बढ़ गया है
highlights
- आदित्य-एल1 ने आखिरी बार बदली कक्षा
- एल1 प्वाइंट की ओर बढ़ा भारत का सौर मिशन
- 2 सितंबर को लॉन्च किया गया था आदित्य-एल1
New Delhi:
Aditya-L1: भारत का पहला सौर मिशन एक के बाद एक लगातार सफलता पा रहा है. मंगलवार को इसने सूर्य की ओर एक और छलांग लगा दी. दरअसल, इसरो के सौर मिशन आदित्य-एल1 ने कक्षा बदलने की पांचवीं और आखिरी प्रक्रिया को पूरा कर लिया और ये एल1 प्वाइंट की ओर आगे बढ़ गया. भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य-एल1 पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर पहुंचकर सूर्य का अध्ययन करेगा और इसके रहस्यों को जानने की कोशिश करेगा. इसरो ने अपने पहले सूर्य मिशन को 2 सितंबर को लॉन्च किया था. भारतीय अंतरक्षित एजेंसी इसरो ने एक ट्वीट कर बताया कि आदित्य-एल1 ने पांचवीं बार कक्षा बदलने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और अब ये सूर्य और पृथ्वी के बीच एल1 प्वाइंट की ओर बढ़ गया है.
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कुल पांच बार की गई अर्थ-बाउंट फायरिंग
बता दें कि आदित्य-एल1 को अपने निर्धारित स्थान एल1 प्वाइंट तक पहुंचाने के लिए इसरो ने कुल पांच बार अर्थ-बाउंड फायरिंग की. ये ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें कोई उपग्रह अगली कक्षा में प्रवेश करता है. इसे पहले चौथी बार आदित्य-एल1 ने 15 सितंबर को सफलतापूर्वक कक्षा बदली थी. थ्रस्टर फायर के कुछ देर बाद ही इसरो ने ट्वीट कर इसके बारे में जानकारी दी थी. वहीं कक्षा बदलने की तीसरी प्रक्रिया 10 सितंबर की रात करीब 2.30 बजे पूरी की गई. तब इसे पृथ्वी से 296 किमी x 71,767 किमी की कक्षा में भेजा गया था.
Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) September 18, 2023
Off to Sun-Earth L1 point!
The Trans-Lagrangean Point 1 Insertion (TL1I) maneuvre is performed successfully.
The spacecraft is now on a trajectory that will take it to the Sun-Earth L1 point. It will be injected into an orbit around L1 through a maneuver… pic.twitter.com/H7GoY0R44I
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वहीं आदित्य-एल1 ने तीन सितंबर को पहली बार सफलतापूर्वक कक्षा बदलने की प्रक्रिया को पूरा किया था. इसरो ने सुबह करीब 11.45 बजे जानकारी दी थी कि सौर मिशन आदित्य-एल1 को अर्थ बाउंड फायर किया था, जिसकी मदद से आदित्य एल1 ने कक्षा बदलने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया. वहीं, आदित्य-एल1 ने दूसरी बार पांच सितंबर को अपनी कक्षा बदली थी. इसके बारे में भी इसरो ने ट्वीट कर जानकारी शेयर की थी. वहीं, कक्षा बदलने का चौथा अभ्यास 15 सितंबर को रात करीब 02 बजे किया गया. इसरो के मुताबिक, आदित्य-एल1 16 दिन पृथ्वी की कक्षा में बिताएगा. इस दौरान पांच बार कक्षा बदलने के लिए अर्थ बाउंड फायर किया जाएगा.
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