S Abdul Nazeer: अब्दुल नजीर के राज्यपाल बनने पर विवाद, जानें पूर्व जस्टिस ने क्या दिया जवाब?
Ex-SC Judge S Abdul Nazeer : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एस अब्दुल नजीर (Ex-SC Judge S Abdul Nazeer) को आंध्र प्रदेश का गर्वनर बनाए जाने पर विवाद शुरू हो गया है. इस बीच हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ने विपक्ष की आपत्ति पर करार जवाब दिया है.
नई दिल्ली:
Ex-SC Judge S Abdul Nazeer : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एस अब्दुल नजीर (Ex-SC Judge S Abdul Nazeer) को आंध्र प्रदेश का गर्वनर बनाए जाने पर विवाद शुरू हो गया है. इसे लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने आपत्ति जताई है. कांग्रेस (Congress) के नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों को सरकारी पोस्ट और सरकारी जॉब देना एक तरह दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे न्यायतंत्र से लोगों का विश्वास उठता चला जाएगा. इस बीच हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश (Sakharam Singh Yadav) ने विपक्ष की आपत्ति पर करारा जवाब दिया है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व जस्टिस सखाराम सिंह यादव ने कहा कि जस्टिस अब्दुल नजीर (Ex-SC Judge S Abdul Nazeer) ने कानून के हिसाब से ही हमेशा फैसले दिए. उनकी राज्यपाल के तौर पर नियुक्ति से न्यायतंत्र में विश्वास कम होने की कोई बात नहीं है. अगर किसी को लगता है कि उन्हें किसी फैसले का इनाम दिया गया है तो ये बिल्कुल गलत है.
जानें कौन हैं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस अब्दुल नजीर (Ex-SC Judge S Abdul Nazeer )
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने साल 2019 में बड़ा फैसला सुनाया था. उस समय तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आदेश दिया था. इस पीठ में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (वर्तमान में सीजेआई हैं), जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस अशोक भूषण शामिल थे.
जस्टिस अब्दुल नजीर ने हमेशा कानून के हिसाब से फैसले दिए। उनकी राज्यपाल के तौर पर नियुक्ति से न्यायतंत्र में विश्वास कम होने की कोई बात नहीं है। अगर किसी को लगता है कि उन्हें किसी फैसले का इनाम दिया गया है तो ये ग़लत है: इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश सखाराम सिंह यादव pic.twitter.com/YrMlgJfd5i
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2023
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इसके अलावा ही न्यायमूर्ति नजीर की नेतृत्व वाली एक संविधान पीठ ने नोटबंदी को सही मानते हुए बरकरार रखा था. आपको बता दें कि चार जनवरी को जस्टिस एस अब्दुल नजीर रिटायर हुए थे. इसके बाद ही संभावनाएं जताई जा रही थीं कि उन्हें जल्द ही राज्यपाल बना दिया जाएगा.
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