Indus Water Treaty पर बोले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जल्द नहीं माना तो बूंद-बूंद पानी के लिए तरसेगा पाकिस्तान
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद भारत की कूटनीतिक कार्रवाई से पाकिस्तान बेहद बिलबिलाया हुआ है
नई दिल्ली:
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद भारत की कूटनीतिक कार्रवाई से पाकिस्तान बेहद बिलबिलाया हुआ है. पाकिस्तान की तरफ बहने वाली भारत के हिस्से की तीन नदियों के पानी को रोके जाने के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इंडस वाटर ट्रिटी को लेकर बड़ा बयान दिया है. जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, अभी तो भारत ने अपने हिस्से का पानी बंद किया है लेकिन अगर पाकिस्तान नहीं सुधरा तो जल्द ही बूंद-बूंद पानी के लिए तरसेगा.
इंडस वाटर ट्रिटी को तोड़ने को लेकर पूछ गए सवाल पर एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए कहा अगर पाकिस्तान ने भारत में आतंकवादियों को भेजना बंद नहीं किया तो पाकिस्तान को एक बूंद भी पानी नहीं मिलेगा. केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने कहा, 1960 में पंडित जवाहर लाल नेहरू और अयूब खान के बीच इंडस वाटर ट्रिटी हुआ था जिसके तहत तीन नदियां पाकिस्तान को जबकि तीन नदियों का पानी भारत को मिला था. हमारे हिस्से का पानी 33 मिलियन एमएफ है जिसमें हम 31 एमएफ मिलियन का इस्तेमाल करते हैं. अब बाकी बचे हिस्से का भी इस्तेमाल किया जाएगा.
उन्होंने ट्रिटी को लेकर कहा दोनों देशों के बीच सौहाद्र पूर्ण वातावरण में यह समझौता हुआ था लेकिन अब पाकिस्तान आतंकी भेज रहा है जिसको लेकर सबके मन में गुस्सा है. ऐसे में पाकिस्तान को पानी कैसे दिया जा सकता है. हम हर मोर्च पर जवाब देंगे.
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क्या है दोनों देशों के बीच बहने वाली नदियों का गणित
बता दें कि भारत-पाक विभाजन के समय तीन नदियां भारत को मिली थीं और तीन पाकिस्तान को. इसके बावजूद देश को मिली तीन नदियों से भी देश के हिस्से का पानी पाकिस्तान को मिलता रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.इन नदियों के पानी को भारत में ही बांध बनाकर रोक दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि बंटवारे के समय भारत को सतलुज, रावी और व्यास नदियां मिली थीं, जबकि पाकिस्तान को सिंधु झेलम और चेनाब मिली थीं. लेकिन फिर भी भारतीय नदियों का पानी पाकिस्तान जाता रहा है. उन्होंने कहा कि डिप इरिगेशन से किसानों को अधिक पानी मिलेगा, जिससे वो ज्यादा उत्पादन कर सकेंगे.
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पाकिस्तान पर भारत की इकोनॉमिकल स्ट्राइक
पाकिस्तान पर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भारत सरकार ने दबाव बनाने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. हमले के तुंरत बाद पहले भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया और उसके बाद पाकिस्तान से आने वाले सामान पर भी 200 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी. इस फैसले के बाद वाघा अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान की तरफ से आने वाले सामानों के ट्रकों की लंबी लाइन लग गई. इंपोर्ट ड्यूटी इतने बढ़ जाने के बाद पाकिस्तान के कारोबारी बेहद परेशान हैं क्योंकि अब उनके लिए भारत माल भेजना घाटे का सौदा बन गया है. उदाहरण के लिए आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर किसी ट्रक पर पाकिस्तान की तरफ से 15 लाख रुपये का कोई सामान लदा है तो उसे भारत में प्रवेश कराने के लिए पाकिस्तान के उस कारोबारी को 30 लाख रुपये इंपोर्ट ड्यूटी देनी पड़ेगी
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