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बिहार में नई रेत नीति के खिलाफ आंदोलन जारी, ट्रांसपोर्टरों ने की हड़ताल

बिहार सरकार की नई रेत नीति की खिलाफ आंदोलन जारी है। बिहार के ट्रांसपोर्टर भी मंगलवार से चक्का जाम कर दिया है।

Updated on: 19 Dec 2017, 08:22 PM

पटना:

बिहार सरकार की नई रेत नीति की खिलाफ आंदोलन जारी है। बिहार के ट्रांसपोर्टर भी मंगलवार से चक्का जाम कर दिया है। ट्रांसपोर्टरों के चक्का जाम के आह्वान पर ट्रक मालिक, चालक और मजदूरों ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर चक्का जाम कर दिया।

इस दौरान कई जगहों पर तोड़फोड़ की गई। कई स्थानों पर सड़क जाम हटाने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस के अनुसार, पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत ट्रक मालिक सोमवार को सड़क पर उतरे और चक्का जाम किया।

राज्य सरकार की बिहार लघु खनिज खनन अधिनियम-2017 के विरोध में कोइलवर पुल को रेत (बालू) व्यापारियों और सैकड़ों ट्रक चालकों ने जाम कर प्रदर्शन किया। बिहटा, परेव और दानापुर में भी लोग सड़क पर उतरे और मार्ग अवरुद्ध किया।

दानापुर में कई दुकानों में तोड़फोड़ की गई। इसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। समस्तीपुर, दरभंगा, कटिहार और गया में भी रेत व्यवसायियों द्वारा सड़क जाम किया गया।

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ट्रक मलिकों का कहना है कि जब तक सरकार पुरानी नीति के आधार पर रेत खनन शुरू नहीं कराती है, तब तक चक्का जाम रहेगा। प्रदर्शनकारी ट्रक मालिकों का आरोप है कि नई नीति से ट्रक मालिकों के साथ-साथ चालकों और मजदूरों की भुखमरी जैसी हालत हो गई है।

सरकार ने सभी व्यावसायिक वाहनों में जीपीएस लगाने का आदेश दिया है और उनका किराया भी तय कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि रेत के अवैध खनन को रोकने के लिए सरकार ने नया बिहार लघु खनिज अधिनियम 2017 बनाया, जिसके प्रावधानों को लेकर जबरदस्त विरोध हो रहा है।

सरकार ने पुरानी सारी निविदाएं रद्द कर दी हैं, जिस वजह से राज्य में रेत की कमी हो गई है। रेत की कमी से राज्य में हो रहे निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं और राजमिस्त्रियों व मजदूरों को बेकारी का सामना करना पड़ रहा है।

नई रेत नीति के खिलाफ राजद ने 21 दिसंबर को बिहार बंद की घोषणा की है। इस नीति के खिलाफ पिछले कई दिनों से मजदूर आंदोलन कर रहे हैं।

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