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दूरसंचार क्षेत्र में नौकरी का संकट, जा सकती है और 50,000 नौकरियां

इस क्षेत्र में 2017 के शुरू से अब तक 40,000 नौकरियां जा चुकी हैं इस संकट में नौकरियों का कुल नुकसान 80,000 से 90,000 नौकरियां जाने की संभावना है।

Updated on: 16 Jan 2018, 08:41 AM

नई दिल्ली:

किसी दौर में दिन दूनी, रात चौगुनी तरक्की करने वाले दुरसंचार क्षेत्र के लिए अगले छह से नौ महीने भारी संकट के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान इस क्षेत्र में 50,000 नौकरियां और जा सकती है।

इस क्षेत्र में 2017 के शुरू से अब तक 40,000 नौकरियां जा चुकी हैं इस संकट में नौकरियों का कुल नुकसान 80,000 से 90,000 नौकरियां जाने की संभावना है।

सीआईईएल एचआर र्सिवसेस की एक रपट के मुताबिक दूरसंचार क्षेत्र इस समय बेहद प्रतिस्पर्धी दौर से गुजर रहा है। इसके चलते कंपनियों का लाभ और मार्जिन कम हुआ है। इसकी वजह से जहां एक तरफ नौकरियां जाने की संभावना प्रबल होती है, वहीं इस क्षेत्र में अनिश्चिता के माहौल का भी निर्माण होता है।

यह रपट दूरसंचार कंपनियों को सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर सेवाएं उपलब्ध कराने वाली 65 तकनीकी कंपनियों के करीब 100 वरिष्ठ एवं मध्यम स्तर के कर्मचारियों के बीच किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है।

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रपट के अनुसार वर्ष 2017 में इस क्षेत्र में 40,000 नौकरियां पहले ही जा चुकी हैं और आगे भी यही रुख जारी रहने की संभावना है।

अगले छह से नौ महीने में 50,000 तक नौकरियां और जा सकती है।

इस प्रकार इस क्षेत्र की कुल 80,000 से 90,000 नौकरियां जाने की संभावना है। बेंगलुरु की सीआईईएल एचआर र्सिवसेस के मुख्य कार्यकारी आदित्य नारायण मिश्रा ने पीटीआई से कहा, 'अगली दो-तीन तिमाहियों में नौकरियां जाने की दर ऊंची ही रहेगी। दूरसंचार क्षेत्र के 80 से 90 हजार लोगों की नौकरियां जा सकती हैं।'

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