नई दिल्ली :
सुप्रीम कोर्ट ने सड़कों पर गड्ढों की वजह से पिछले पांच साल के दौरान हुई दुर्घटनाओं में 14,926 लोगों की मौत पर चिंता व्यक्त करते हुये इसे 'अस्वीकार्य' बताया. न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि सड़कों पर गड्ढों के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा 'संभवत: सीमा पर या आतंकवादियों द्वारा की गई हत्याओं से ज्यादा है.' पीठ ने कहा कि 2013 से 2017 के बीच सड़कों पर गड्ढों के कारण हुई मौतों का आंकड़ा यही दिखाता है कि संबंधित प्राधिकारी सड़कों का रखरखाव सही तरीके से नहीं कर रहे हैं.
कोर्ट ने भारत में सड़कों के गड्ढों के कारण होने वाली मौतों के मामले में शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश के. एस. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति की रिपोर्ट पर केन्द्र से जवाब मांगा है. कोर्ट ने इस मामले को जनवरी में सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया है. शीर्ष अदालत ने 20 जुलाई को इस तरह की मौतों पर चिंता व्यक्त करते हुये टिप्पणी की थी ऐसी दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु के आंकड़े आतंकी हमलों में मारे गये लोगों की संख्या से अधिक हैं.
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पीठ ने इस स्थिति को भयावह बताते हुये शीर्ष अदालत की समिति से इस मामले में सड़क सुरक्षा के बारे में गौर करने का अनुरोध किया था. न्यायालय ने कहा था कि यह सर्वविदित है कि इस तरह के हादसों में बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु होती है और वे प्राधिकारी, अपना काम ठीक तरह से नहीं कर रहे हैं जिनकी जिम्मेदारी सड़कों के रखरखाव की है . देश में सड़क सुरक्षा से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सड़कों पर गड्ढों का मुद्दा उठा था.
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