राम मंदिर पर बोले सुब्रमण्यम स्वामी, अगर सुप्रीम कोर्ट में नहीं बनी बात तो संसद में बनाएंगे कानून
बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अयोध्या में राम मंदिर का राग अलापा है. स्वामी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके हक़ में नहीं आता है तो संसद से इसका रास्ता निकाला जाएगा.
नई दिल्ली:
राम जन्मभूमि मसले को लेकर देश की सुप्रीम कोर्ट 28 सितंबर को अपना फैसला सुना सकती है. मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं इस पर अपना सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकती है. लेकिन इस बीच एक बार फिर से बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अयोध्या में राम मंदिर का राग अलापा है. स्वामी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके हक़ में नहीं आता है तो संसद से इसका रास्ता निकाला जाएगा.
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 'मस्जिद इस्लाम का जरूरी हिस्सा है या नहीं, इसपर 7 जजों की बेंच फैसला आने में कम से कम 2 साल की जरूरत होगी. सवाल यह है कि हमें इतने लंबे समय तक इंतजार क्यों करना चाहिए. क्योंकि आखिर में सुप्रीम कोर्ट संविधान से ऊपर नहीं है. सुप्रीम कोर्ट एक स्तम्भ है और दूसरा स्तम्भ संसद है.'
At least 2 years are needed for a decision by 7-judge bench on whether Masjid is an essential part of Islam. Why should we wait for so long? Because, in the end,the SC isn't supreme in Constitution. SC is a pillar,& another pillar is Parliament: S Swamy on his tweet on Ram temple pic.twitter.com/9G1hIyHv1r
— ANI (@ANI) September 24, 2018
उन्होंने आगे कहा अगर संसद संविधान के खिलाफ गलत कानून बनाता है तो सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम बन जाता है. लेकिन कानून बनाने का अधिकार संसद के साथ है. मैंने कहा कि हमें संसद का मार्ग चुनना चाहिए. मैंने ये कहा कि हमें वो रूट लेना चाहिए.
If Parliament makes a wrong law that is against the Constitution, SC becomes Supreme. But the right to make a law is with the Parliament. I said we should choose the route of Parliament, didn't say that we are going to take that route: Subramanian Swamy on his tweet on Ram temple pic.twitter.com/s0MGEyFdfh
— ANI (@ANI) September 24, 2018
बता दें कि स्वामी ने आज यानी सोमवार को अपने ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने कहा कि 'पांच जजों की बेंच का यह फैसला कि मस्जिद इस्लाम का एक अनिवार्य हिस्सा नहीं है. जिसे अब 7 जजो की बेंच को पुनर्विचार की जरूरत है. यदि फैसला नहीं आता है तो हम राम मंदिर निर्माण के लिए बढ़ेंगे, लेकिन अगर फैसला हां में आता है तो हम ससंद से इसका रास्ता निकालेंगे.' जिसे लेकर उन्होंने अपनी सफाई दी.
PTs: Tighten your seatbelt SC to pronounce whether 5 judge Bench judgment that masjid is not an essential part of Islam needs to be reconsidered by a 7 Bench judgment. If No, then we are on our way to Ram Temple. If Yes then we try Parliament
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 24, 2018
गौरतलब है कि मस्जिद में नमाज पढ़ने को लेकर सुप्रीम कोर्ट 28 सितंबर को अपना फैसला सुना सकता है. 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रखा था कि संविधान पीठ के 1994 के फैसले पर फिर विचार करने की जरूरत है या नहीं.
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