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PNB धोखाधड़ी: बिजनेसमैन का दावा, PMO ने सुनी होती शिकायत तो नहीं भाग पाता 'घोटालेबाज' नीरव मोदी

बेंगलुरु के एक बिजनेसमैन हरी प्रसाद ने दावा किया है कि पीएनबी घोटाले के 'मास्टरमाइंड' नीरव मोदी की धोखाधड़ी के संबंध में जुलाई 2016 में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखा था।

Updated on: 15 Feb 2018, 07:05 PM

नई दिल्ली:

11,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है।

बेंगलुरु के एक व्हिसिलब्लोअर और बिजनेसमैन हरी प्रसाद ने दावा किया है कि घोटाले के 'मास्टरमाइंड' नीरव मोदी की धोखाधड़ी के संबंध में जुलाई 2016 में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखा था। लेकिन न कोई जवाब मिला और न ही कोई कार्रवाई हुई।

उन्होंने दावा किया कि पत्र में गीतांजली ग्रुप के फर्जीवाड़े से अवगत कराया गया था। गीतांजली ग्रुप के बिजनेस पार्टनर नीरव मोदी रह चुके हैं।

हरी प्रसाद ने कहा, 'गीतांजली और उनके बिजनेस पार्टनर नीरव मोदी के खिलाफ पहले ही कार्रवाई की गई होती तो वह आज देश छोड़ कर नहीं भागते।' उन्होंने आगे कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनके खिलाफ (नीरव और उसके सहयोगियों) कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

आपको बता दें की घोटाले की भनक और इसकी शिकायत के बाद नीरव मोदी, उनका परिवार और बिजनेस पार्टनर देश छोड़कर भाग चुके हैं। सीबीआई ने सभी आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।

आपको बता दें कि हरी प्रसाद ने गीतांजली के साथ बेंगलुरु में फ्रेंचाइज शुरू किया था। लेकिन बाद में उन्होंने गीतांजली के मालिक पर 10 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए खुद को अलग कर लिया था।

वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी हरी प्रसाद के पत्र का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के दावों पर सवाल उठाए हैं।

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कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि एक व्हिसिलब्लोअर ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी द्वारा 11,500 करोड़ रुपये के बैंकिंग धोखाधड़ी को लेकर सरकार को 2016 में सर्तक किया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उसकी सूचना को नजरअंदाज किया।

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि व्हिसिलब्लोअर हरी प्रसाद ने जुलाई 2016 की शुरुआत में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था और सरकार को स्वतंत्र भारत में '70 साल में सबसे बड़े बैंक लूट घोटाले' के बारे में बताया था।

सुरजेवाला ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने क्या किया? कुछ नहीं। वित्त मंत्रालय ने क्या किया? कुछ नहीं। वाणिज्यि मंत्रालय ने क्या किया? कुछ नहीं। वित्त मंत्रालय की वित्तीय खुफिया इकाई ने क्या किया? कुछ नहीं।'

उन्होंने कहा, 'आप सत्ता में हैं और आपकी नाक के नीचे धोखाधड़ी हो रही है। आप क्या कर रहे थे और आरोपी को कैसे बच निकलने दिया? सच्चाई का सामना कीजिए और सवालों के जवाब दीजिए।'

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह भी सवाल किया कि जनवरी में दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भगोड़ा अरबपति कारोबारी उनके साथ क्या कर रहा था।

उन्होंने कहा कि 'छोटा मोदी' (नीरव मोदी) अपने खिलाफ शिकायत के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के तौर पर यात्रा कर रहा था।

ईडी का छापा

पंजाब नेशनल बैंक में धोखाधड़ी उजागर होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी के दफ्तरों, शोरूम और वर्कशाप पर छापेमारी की।

सीबीआई ने पिछले सप्ताह मोदी और उनकी पत्नी एमी और भाई निशाल व मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

इससे पहले पीएनबी ने 29 जनवरी को 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को लेकर इन चारों के खिलाफ शिकायत की थी। यह धोखाधड़ी का मामला 2011 का है।

बताया जाता है कि मोदी ने पीएनबी व अन्य बैंकों को लिखा था कि वह बकाये की वापसी कर देंगे। गौरतलब है कि मोदी का कारोबार भारत के अलावा यूरोप, अमेरिका, मध्यपूर्व व सुदूर पूर्व में भी है।

इस घोटाले की रकम विजय माल्या के 9,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने से मुकरने से बड़ी है। बैंकों को चूना लगाने के ये मामले तब उजागर हो रहे हैं जब बैंकों के डूबे हुए कर्ज को लेकर भारतीय बैंकिंग प्रणाली सवालों के दौर से गुजर रही है।

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