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लोकसभा में तय है अविश्वास प्रस्ताव का गिरना, सुरक्षित है मोदी सरकार

अगर लोकसभा स्पीकर तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और वाईएसआर कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी दे भी देती है, तो इससे मोदी सरकार पर कोई असर नहीं होगा।

Updated on: 19 Mar 2018, 01:13 PM

highlights

  • मोदी सरकार के खिलाफ सदन में आज पेश हो सकता है पहला अविश्वास प्रस्ताव
  • हालांकि अविश्वास प्रस्ताव का गिरना तय माना जा रहा है और सरकार की सेेहत पर इससे कोई असर नहीं होगा

नई दिल्ली:

केंद्र की मोदी सरकार को पहली बार संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है।

अगर लोकसभा स्पीकर तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और वाईएसआर कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी दे भी देती है, तो इससे मोदी सरकार पर कोई असर नहीं होगा।

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने की वजह से नाराज तेलुगू देशम पार्टी ने हाल ही में सरकार सेे अलग होने के साथ एनडीए से नाता तोड़ लिया है। 

क्या कहते हैं आंकड़े?

लोकसभा में कुल सदस्यों की संख्या 543 है और फिलहाल सदन में 536 सांसद हैं।

536 सांसदों में अकेले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 273 सांसद हैं और यह संख्या मौजूदा लोकसभा के हिसाब से सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा यानी 269 से अधिक है।

हालांकि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इसमें बीजेपी के सहयोगी दलों के सांसदों की संख्या शामिल नहीं है।

टीडीपी के अलग होने के बाद बीजेपी के सहयोगी दलों के सांसदों की संख्या 56 है और अगर दोनों को मिला दिया जाए तो एनडीए के पास कुल सांसदों की संख्या 329 है।

ऐसी स्थिति में अगर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मंजूरी मिल भी जाती है तो वह जाहिर तौर पर गिर जाएगा।

कैसे हो सकता है उलटफेर?

मोदी सरकार के खिलाफ सदन में अगर सभी विपक्षी दल एकजुट भी हो जाएं, तो भी सरकार को कोई खतरा नहीं होगा।

अविश्वास प्रस्ताव को कांग्रेस ने समर्थन दिया है, जिसके सदन में 48 सांसद हैं वहीं टीडीपी के 16 जबकि वाईएसआर के 9 सांसद हैं। अगर बीजेपी से नाराज चल रही शिवसेना भी इसमें शामिल हो जाए तो भी मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं होगा।

क्योंकि मोदी सरकार के पास 269 के जादुई आंकड़े से अधिक सांसद है।

तो क्या गिर सकती है सरकार?

यह एक चमत्कारिक स्थिति मानी जाएगी। सभी विपक्षी दलों के एकजुट होने और बीजेपी के सांसदों की बगावत की स्थिति में ही सरकार के खिलाफ आ रहे अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।

हालांकि यह असंभव जैसी स्थिति है।

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