मेघालय: कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों के बचाव कार्य में हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
कोर्ट ने कहा कि अगर थाईलैंड में हाई पावर पंप भेजे जा सकते हैं तो मेघालय में क्यों नहीं. बता दें कि ये खनिक मेघालय की पूर्वी जयंतियां पहाड़ी के कासन गांव में 370 फुट के कोयला खदान में 13 दिसंबर से फंसे हुए
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय के अवैध कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों को बचाने के लिए चलाए जा रहे राहत कार्यों पर असंतोष जाहिर किया है. कोर्ट ने मेघालय सरकार से कहा कि हम राहत अभियान के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन से संतुष्ट नहीं हैं. 13 दिसंबर से 15 खनिक पानी से भरे खदान में फंसे हुए हैं. उन्होंने मेघालय सरकार से पूछा, पानी से भरे अवैध कोयला खदान में फंसे 15 खनिकों को बचाने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए?
जिसके जवाब में मेघालय सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, 'राज्य फंसे हुए खनिकों के लिए कदम उठा रही है. 72 एनडीआरएफ के सदस्य, 14 नौसेना के सदस्य और कोल इंडिया की टीम 14 दिसंबर से लगी हुई है.' फिर कोर्ट ने पूछा कि, 'तो वे अभी तक उन्हें क्यों नहीं निकाल पाए हैं?'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, यह एक बहुत गंभीर स्थिति है और यह खदान में फंसे 15 खनिकों के जीवन और मौत का सवाल है. एक-एक सेकंड कीमती है, जरूरत पड़े तो सेना की मदद ली जाय. सब लोगों को निकला जाना चाहिए, हम प्रार्थना करते है कि सब लोग जीवित हों.'
कोर्ट ने कहा कि अगर थाईलैंड में हाई पावर पंप भेजे जा सकते हैं तो मेघालय में क्यों नहीं. बता दें कि ये खनिक मेघालय की पूर्वी जयंतियां पहाड़ी के कासन गांव में 370 फुट के कोयला खदान में 13 दिसंबर से फंसे हुए हैं.
कोर्ट ने कहा कि राहत कार्य से निपटने के लिए ज़रूरी है कि केंद्र-राज्य के बीच तालमेल बिठाकर काम किया जाए. भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने की स्पष्ट नीति होनी चाहिए.
कोर्ट ने केंद्र के वकील को पेश होने का निर्देश दिया. जिसके बाद सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में पेश होकर राहत कार्यो की जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'केंद्र इस संबंध में नोडल अफसर बना रहा है. सेना की जगह नेवी के गोताखोरों को तैनात किया गया है. इसके अलावा एक्सपर्ट्स की मदद भी ली जा रही है.
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि अगर सरकार कदम उठा रही है तो खदान के मजदूरों का क्या हुआ? बेंच ने कहा, 'मजदूरों को खदान में फंसे हुए कितने दिन हो गए? क्या इस मामले में केंद्र, राज्य और एजेंसियों के बीज समन्वय नहीं है? क्या कोर्ट सेना को कदम उठाने के लिए आग्रह नहीं कर सकता? हम अभी तक उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है. अगर ये भी माना जा रहा है कि वो जिंदा हैं या नहीं तो भी उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए.'
बता दें कि आदित्य एन प्रसाद ने सरकार के बचाव व राहत कार्य मे तेजी लाने को लेकर जनहित याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता की ओर से आनंद ग्रोवर ने कोर्ट में कहा कि एजेंसियों में तालमेल नहीं है. सरकार एक्सपर्ट्स की मदद नहीं ले रही है साथ ही हाईपावर वाले पंप भी पर्याप्त नहीं हैं. बता दें कि मेघालय की लुमथरी की कोयला खदान में 13 दिसंबर से 15 मजदूर फंसे हुए हैं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
-
Arti Singh Wedding: आरती की शादी में पहुंचे गोविंदा, मामा के आने पर भावुक हुए कृष्णा अभिषेक, कही ये बातें
धर्म-कर्म
-
May 2024 Annaprashan Muhurat: अन्नप्राशन मई 2024 में कब-कब कर सकते हैं ? यहां जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त
-
Saturday Jyotish Upay: शनिवार के दिन की गई यह एक गलती शनिदेव की कर सकती है नाराज, रखें ध्यान
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी
-
Ganga Saptami 2024 Date: कब मनाई जाएगी गंगा सप्तमी? जानें शुभ मूहूर्त, महत्व और मंत्र