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#MeToo: यौन उत्पीड़न के आरोप में घिरे केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने अपने पद से दिया इस्तीफ़ा

एमजे अकबर ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा, यौन शोषण के लगे हैं आरोप

Updated on: 17 Oct 2018, 05:22 PM

नई दिल्ली:

यौन शोषण के आरोपों में घिरे केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि मंत्री के खिलाफ 14 से अधिक महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. इससे पहले महिला पत्रकारों के एक पैनल ने केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर को बर्खास्त करने की मांग करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखा था. एमजे अकबर पर 'मीटू मूवमेंट' के तहत दर्जनभर महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. 

एमजे अकबर ने इस्तीफ़ा देते हुए लिखा, 'यौन उत्पीड़न के आरोप को लेकर मैंने कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. जब तक मुझे इंसाफ़ नहीं मिल जाता इस पद से हट जाना ही ठीक होगा. इसलिए मैं विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे रहा हूं. मैं पीएम मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का मौक़ा दिया.'

नेटवर्क ऑफ वुमेन इन मीडिया इन इंडिया (एनडब्ल्यूएमआई) ने सोमवार को राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में कहा, 'हम बेहद चिंतित हैं कि वह केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मंत्री पद पर बने हुए हैं.'

इससे पहले यौन शौषण के आरोप पर विदेश राज्य मंत्री और पूर्व पत्रकार एमजे अकबर ने कहा, 'मैने आरोप लगाने वाली महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया है. उन्होंने इन आरोपों को लेकर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में भी एक याचिका दी है.'

अभी उन्होंने जो केस दर्ज करवाया है उसमें सिर्फ एक महिला पत्रकार का नाम दिया गया है जबकि उन पर कुल 9 महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.

विदेश से लौटने के बाद एमजे अकबर ने दी थी सफाई

विदेश से स्वदेश वापसी के कुछ ही घंटे बाद अकबर ने एक बयान जारी किया था जिसमें उन्होंने कहा, 'कुछ हिस्सों को सबूत के बिना आरोप लगाने का संक्रामक बुखार हो गया है. मामला जो भी हो, अब मैं लौट (विदेश दौरे से) आया हूं और आगे की कार्रवाई के लिए मेरे वकील इन बेसिरपैर के बेबुनियाद आरोपों को देखेंगे और आगे की कानूनी कार्रवाई पर फैसला लेंगे.'

महिला पत्रकारों ने जब अकबर पर आरोप लगाए, उस समय वह नाइजीरिया के आधिकारिक दौरे पर थे. अकबर पर जिन महिला पत्रकारों ने यौन शोषण के खिलाफ 'मीटू' अभियान के हिस्से के रूप में आरोप लगाए हैं, वे उनके साथ 15 साल पहले अखबारों में काम कर चुकी हैं.

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अकबर ने सवाल किया कि 'क्या यह तमाम आरोप एक एजेंडे का हिस्सा हैं क्योंकि वे (महिला पत्रकार) आम चुनाव से पहले आगे आई हैं.'