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रूस का यात्री विमान मॉस्को के बाहर हुआ दुर्घटनाग्रस्त, 71 लोगों की मौत की आशंका

फिलहाल ये पता नहीं चला है कि इस विमान में कितने यात्री सवार थे। इसके अलावा अब तक विमान क्रैश होने के कारणों का भी पता नहीं चला है।

Updated on: 11 Feb 2018, 11:59 PM

highlights

  • यात्री विमान उड़ान भरने के कुछ देर बाद जैसी ही मॉस्को के बाहरी इलाके रामसेस्की पहुंचा हवा में ही क्रैश हो गया
  • अरगुनुवो गांव के लोगों ने आसमान से एक जलते हुए प्लेन को आसमान से गिरते हुए देखा
  • विमान में सवार किसी भी यात्री के ज़िदा बचने की संभावना नहीं है

 

नई दिल्ली:

मॉस्को से उड़ान भर रहा एक रुसी यात्री विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की ख़बर आ रही है। बताया जा रहा है कि यह यात्री विमान उड़ान भरने के कुछ देर बाद जैसी ही मॉस्को के बाहरी इलाके रामसेस्की पहुंचा हवा में ही क्रैश हो गया।

एएफपी के मुताबिक सारातोव एयरलाइन्स के एंतोनोव एन-148 विमान ने दोमोदेदोवो एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और ओर्स्क जा रहा था। इसमें कुल 65 यात्री और 6 क्रूमेंबर सवार थे। 

एजेंसी ने बताया, 'सारातोव एयरनाइंस के विमान (उड़ान संख्या 730) ने मॉस्को से ओस्र्क के लिए मॉस्को के समयानुसार 14.21 बजे उड़ान भरी थी। प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार विमान में 65 यात्री और चालक दल के छह सदस्य सवार थे।'

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अरगुनुवो गांव के लोगों ने आसमान से एक जलते हुए प्लेन को आसमान से गिरते हुए देखा।

आपातकालीन मंत्रालय ने बताया कि दुर्घटनास्थल पर बचाव दल को भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक विमान में सवार किसी भी यात्री के ज़िदा बचने की संभावना नहीं है। 

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एजेंसी के अनुसार, 'उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद विमान से संपर्क टूट गया था और वह रडार से बाहर हो गया था। दुर्घटना मॉस्को क्षेत्र के रामेंस्की जिले में हुई।'

तास के अनुसार, दुर्घटना के लिए प्रतिकूल मौसम हालात, चालक की गलती या यांत्रिक गड़बड़ी हो सकती है।

मंत्रालय के प्रवक्ता ने तास को बताया, 'विमान का मलबा और कई शव स्टेपानोवस्कोये गांव के पास पाए गए हैं।'

फिलहाल विमान क्रैश होने के कारणों का पता नहीं चला है लेकिन पहली नज़र में इसे पायलट की चूक या ख़राब मौसम को वजह माना जा रहा है।

दुर्घटनाग्रस्त रूसी विमान 7 साल पुराना था और एक साल पहले ही दूसरे रूसी एयरलाइन से सेराटोव एयरलाइंस ने खरीदा था।

रूसी मीडिया के अनुसार आपातकालीन सेवाओं का सड़क द्वारा क्रैश साइट तक पहुंच पाना असमर्थ था जिस कारण बचाव दल पैदल ही घटनास्थल तक पहुंचे।

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