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कठुआ-उन्नाव केस: पूर्व नौकरशाहों का पीएम मोदी को खुला पत्र, घृणा फैलाने के लिए BJP को ठहराया जिम्मेदार

इस पत्र में हालिया मामलों की 'भयावह स्थिति' के लिए इन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी को जिम्मेदार बताया है।

Updated on: 16 Apr 2018, 03:41 PM

नई दिल्ली:

कठुआ और उन्नाव रेप केस में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए जल्द सजा दिलाने की मांग और देश में बढ़ रहे घृणा अपराध को लेकर रिटायर्ड नौकरशाहों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुला पत्र लिखा है।

पूर्व नौकरशाह अमिताभा पांडे ने अपने फेसबुक टाइमलाइन पर इस खुले पत्र को शेयर किया है।

इस पत्र में हालिया मामलों की 'भयावह स्थिति' के लिए इन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी को जिम्मेदार बताया है। इन्होंने कहा है कि एक आठ वर्षीय बच्ची के साथ रेप और निर्मम हत्या से लगता है कि हमारे राजनीतिक दल, सरकार और नेता कितने कमजोर हैं।

पिछले साल संगठित हुए ये 50 रिटायर्ड नौकरशाहों के इस समूह ने मीडिया को भी यह खुला पत्र साझा किया है। इसमें इन्होंने देश में लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, और उदारवादी मूल्यों के हो रहे पतन की चिंता व्यक्त की गई है।

पत्र में प्रधानमंत्री को कहा है, 'हम आपकी पार्टी के बांटने और घृणा के एजेंडे के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। हमें जल्द ही अपने सामाजिक और राजनीतिक नैतिकताओं को ठीक करना होगा।'

उन्होंने लिखा, 'प्रधानमंत्री, ये दो घटनाएं सामान्य अपराध नहीं हैं जो समय के साथ ठीक हो जाएंगी। इन घटनाओं ने हमारे सामाजिक ताने-बाने पर गहरा घाव किया है।'

साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार उन्नाव और कठुआ रेप पीड़ितों के परिवार वालों के पास जाकर माफी मांगे।

उन्होंने मांग की है कि सरकार कठुआ मामले में फास्ट-ट्रैक कोर्ट के जरिये सुनवाई करे, सरकार उन सभी को बर्खास्त करें जो घृणा अपराध और घृणा भाषण देने में शामिल हैं।

रिटायर्ड अधिकारियों का पीएम मोदी को लिखा हुआ खुला पत्र:

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