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जम्मू-कश्मीर: पुलवामा घटना की राजनीतिक दलों ने की निंदा, उमर अब्दुल्ला ने बताया नरसंहार

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में शनिवार को एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों की कथित कार्रवाई में आम नागरिकों की मौत हो गई.

Updated on: 15 Dec 2018, 11:23 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में शनिवार को एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों की कथित कार्रवाई में आम नागरिकों की मौत हो गई. इस घटना पर दुख प्रकट करते हुये राजनीतिक दलों ने कहा है कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक के नेतृत्व वाला प्रशासन लोगों की हिफाज़त करने में नाकाम रहा है. दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में एक मुठभेड़ स्थल के समीप एकत्रित हुई उग्र भीड़ को तितर बितर करने के लिए सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में सात नागरिक मारे गए. इस मुठभेड़ में तीन आतंकवादी भी मारे गए और सेना का एक जवान शहीद हुआ है.

पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करके कहा, 'कोई भी जांच बेकसूर लोगों की जिंदगी को वापस नहीं ला सकती. दक्षिण कश्मीर बीते छह महीने में डर के साये में जी रहा है. क्या राज्यपाल शासन से यही उम्मीद की गई थी.'

 उन्होंने कहा कोई भी मुल्क अपने ही नागरिकों को मार कर लड़ाई नहीं जीत सकता. 

नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करके कहा, 'छह नागरिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए, गंभीरू रूप से. चलिए आप इसे ऐसे देखें कि यह मुठभेड़ बहुत खराब तरह से की गई. मुठभेड़ वाली जगह पर प्रदर्शनकारियों का एकत्र होना अब मानक है अपवाद नहीं. आप बेहतर तरीके से संभालने में क्यों असमर्थ है.' 

अलगाववाद से मुख्यधारा में आने वाले नेता और पूर्व मंत्री सज्जाद लोन ने एक ट्वीट में कहा, 'पुलवामा में जीवन गंवाने वाले लोगों के परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह उन्हें इस दुख की घड़ी में संभलने की शक्ति दे...आशा करता हूं कि प्रशासन अपनी अड़ियल मानसिकता को त्याग देगा.'