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बजट 2017: अरुण जेटली पेश करेंगे देश का 68वां आम बजट, जनता को मिल सकते है ये बड़े तोहफे

वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को देश का 68वां आम बजट पेश करेंगे।

Updated on: 01 Feb 2017, 08:24 AM

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को देश का 68वां आम बजट पेश करेंगे। आम लोग जहां सरकार से टैक्स में छूट की उम्मीद लगाए बैठे हैं। वहीं युवा सरकार से नौकरी के मौके चाहती है। वहीं सेना को अपने साजों सामान और हथियार के लिए ज्यादा पैसों की जरूरत है। जो लोग हवाई जहाज में सफर नहीं कर सकते वो बुलेट ट्रेन में चढ़ने का सपना पाले बैठे हैं तो मोटरसाइकिल और कार चलाने वाले लोग सरकार से पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती की उम्मीद कर रहे है।

देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाने वाले औद्योगिक घराने कार्पोरेट टैक्ट में कटौती करने की मांग कर रहे हैं। जानिए आज बजट में क्या तोहफे आपको दे सकती है सरकार

इनकम टैक्स में छूट

नोटबंदी के बाद इस वित्तीय साल में जीडीपी 7.1 फीसदी रहने की उम्मीद है। जबकि केंद्र सरकार ने अपने आर्थिक अनुमान में अगले साल जीडीपी के 6.75-7.5 फीसदी रहने की संभावना जताई है। बजट से पहले नौकरी पेशा लोग चाहते हैं कि सरकार उन्हें इनकम टैक्स में कुछ ज्यादा छूट दे। कुछ आर्थिक सर्वे ने भी इस बात की तरफ इशारा किया है कि केंद्र सरकार नौकरीपेशा लोगों को टैक्स में कटौती का तोहफा दे सकती है।

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नौकरियों के मौके बढ़ाने के लिए सरकार कर सकती है बड़े पैकेज का ऐलान

बेरोजगार लोगों के लिए ये बजट खुशखबरी ला सकता है। सरकार रोजगार के नए मौके उपलब्ध कराने के लिए एक बड़ा पैकेज का बजट में ऐलान कर सकती है। एक अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि सरकार ऐसी योजना बना रही है जिसमें लेबर सेक्टर में रोजगार के मौके बनाने के लिए इंसेंटिव्स दिए जा सकते हैं। वहीं, सरकार कोस्टल इंप्लॉयमेंट ज़ोन बनाने की योजना पर भी विचार कर रही है। इसके ज़रिए टैक्स इंसेंटिव्स को जॉब क्रिऐशन से जोड़ा जाएगा।


एनडीए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट' को कितनी मिलेगी तवज्जो?

बुलेट ट्रेन का सपना पाले एनडीए सरकार बजट 2017 में इसे कितनी तवज्जो देती है यह देखने वाली बात होगी। चीन और जापान से कदमताल करने को बेताब भारत सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है। सरकार के इस ख़ास सपने को साकार होने में हालांकि अभी काफी समय लगने वाला है।

सरकार के मुताबिक पहली बुलेट ट्रेन देश में साल 2023 तक ही पटरी पर दौड़ पाएगी। पहले फेज़ की बुलेट ट्रेन को दौड़ाने के लिए सरकार 97 हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज जापान से ले रही है। फिलहाल काम शुरू करने के लिए सरकार ने इस योजना के लिए 200 करोड़ का फंड रखा है।

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 सर्विस टैक्स बढ़ाकर 18 फीसदी किए जाने की तैयारी में सरकार, फोन बिल और रेस्टोरेंट में खाना पड़ेगा महंगा

2017 के बजट में आम लोगों को बड़ा झटका लग सकता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट में सर्विस टैक्स को मौजूदा 16 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी किए जाने का ऐलान कर सकते हैं। सर्विस टैक्स में इजाफा होने से फोन बिल, रेस्टोरेंट में खाना, हवाई और रेल यात्रा महंगी हो जाएगी। सरकार का यह कदम जीएसटी के मुताबिक होगा। फिलहाल सर्विस टैक्स की दर 15 पर्सेंट हैं। जेटली ने अपने पिछले बजट में सर्विस टैक्स की दर को 0.5 पर्सेंट बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था।

सरकार कोस्टल इक्नॉमिक ज़ोन का कर सकती है ऐलान

'मेक इन इंडिया कार्यक्रम' को दुरुस्त तरीके से आगे बढ़ाने की कोशिशों में लगी सरकार बजट 2017 में कोस्टल इक्नॉमिक ज़ोन का ऐलान कर सकती है। इसके तहत समुद्री तट के पास इंडस्ट्री लगाने के लिए 10 साल तक की टैक्स छूट देने का ऐलान किया जाने की संभावना है।

मेन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट यूनिट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार चीन के तर्ज पर समुद्र के किनारे बड़े पोर्ट के नजदीक कोस्टल इक्नॉमिक ज़ोन का निर्माण करेगी। सूत्रों के मुताबिक कोस्टल इक्नॉमिक ज़ोन, स्पेशल इकोनॉमिक जोन की तुलना में ज़्यादा बड़े होंगे। इंपोर्ट एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए सरकार देश के पोर्ट्स पर ख़ास ध्यान देने की तैयारी कर रही है।

पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती संभव

बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली पेट्रोल-डीज़ल के दामों में लगने वाले एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती की घोषणा कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक पेट्रोल पर 2 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल में 3 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती की जा सकती है।

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से वैश्विक क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट का फायदा भारत के ग्राहकों को नहीं मिल पाया है, क्योंकि सरकार लगातार राजस्व बरकरार रखने के चलते पेट्रो उत्पादों पर एक्साइज़ ड्यूटी में बढ़ोतरी करती रही है। 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के आने के बाद से पेट्रोल पर एक्साइज़ ड्यूटी 11.77 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ चुकी है जबकि डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी 13.37 रुपये प्रति लीटर तक हो चुकी है।

 

वित्त मंत्री से उद्योग जगत की मांग, कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 25% करे सरकार

आम बजट से पहले उद्योग जगत सरकार से कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की उम्मीद कर रहा है। उद्योग जगत की उम्मीद है कि साल 2017 के बजट में सरकार मौजूद कॉरपोरेट टैक्स को 30% से घटाकर 25% कर सकती है।

एसोचेम यानि एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ के सेक्रेटरी जनरल डीएस रावत के मुताबिक, 'वित्त मंत्रालय के साथ प्री-बजट प्रेजन्टेशन के दौरान एसोचेम ने सरकार से कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की मांग की है और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा टैक्स दर 30% से घटाकर 25% करने की मांग की है। 'जबकि इंडस्ट्री बॉडी, कंफेडेरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री यानि सीआईआई ने कॉरपोरेट टैक्स की दर सरचार्ज और सेस मिला कर 18% रखने की गुज़ारिश की है। बजट 2015 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी माना था कि भारत में कॉरपोरटेस टैक्स दर 30% एशिया में सबसे ज़्यादा है जोकि कॉम्पीटेटिव माहौल बनाने में रोड़ा है, इसे कम करने की जरूरत है।

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रक्षा बजट में होगी बढ़ोतरी? 10% आवंटन की आस में रक्षा क्षेत्र

एनडीए सरकार के नेतृत्व में पिछले तीन साल से रक्षा क्षेत्र को 10% बजट हिस्सेदारी क्या इस बार भी जारी रहेगी? 2014-15 में एनडीए सरकार के पहले बजट में रक्षा विभाग का बजट 10% बढ़ाकर 2.29 लाख करोड़ किया गया था।

इससे पहले 2013-14 में यह 2 लाख करोड़ रुपये था। इसके बाद 2015-16 में भी 10% की बढ़त के साथ रक्षा बजट 2.46 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि 2016-17 में इसमें कुल 9.3% का इज़ाफा किया गया था और यह बढ़कर 2.56 लाख करोड़ रुपये हो गया। रक्षा क्षेत्र पर नज़र रखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो इस बार भी बजट में सरकार 10% की बढ़त कर सकती है।

आभूषणों और गोल्ड इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की उम्मीद
सरकार आम बजट में सोने के आयात कर में कटौती कर सकती है। इसके अलावा जेम्स एंड ज्वेलरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भी इन्सेंटिव्स की घोषणा कर सकती है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इस बारे में वित्त मंत्रालय को कई सुझाव दिए है।

सूत्रों के मुताबिक वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से सोना आयात कर में कटौती, गोल्ड पॉलिसी और ज्वेलरी क्षेत्र को सहारा देने के लिए कई सुझाव दिए हैं। जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर ने सरकार से गोल्ड इंपोर्ट ड्यूटी को 12% से घटाकर 10% करने की मांग की है।