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बोफोर्स घोटाला: जासूस हर्शमैन के दावों की जांच करेगी सीबीआई

हर्शमैने ने दावा किया है कि बोफोर्स घोटाला की जांच में राजीव गांधी की अगुवाई वाली सरकार ने रोड़े अटकाए थे।

Updated on: 18 Oct 2017, 05:44 PM

highlights

  • बोफोर्स घोटाला पर निजी जासूस माइकल हर्शमैन के दावे के बाद सीबीआई ने कहा है कि इसकी जांच की जाएगी
  • हर्शमैने ने दावा किया है कि बोफोर्स घोटाला की जांच में राजीव गांधी की अगुवाई वाली सरकार ने रोड़े अटकाए थे

नई दिल्ली:

1989 का बोफोर्स घोटाला एक बार फिर चर्चा में है। निजी जासूस माइकल हर्शमैन के दावे के बाद सीबीआई ने कहा है कि इसकी जांच की जाएगी।

हर्शमैने ने दावा किया है कि बोफोर्स घोटाला की जांच में राजीव गांधी की अगुवाई वाली सरकार ने रोड़े अटकाए थे।

हर्शमैन ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा कि बोफोर्स तोप स्कैंडल के रिश्वत का पैसा स्विस खाते में रखा गया था। साथ ही उन्होंने दावा किया, ''राजीव गांधी को जब स्विस बैंक खाते 'मोंट ब्लैंक' के बारे में पता चला था तो वो काफी गुस्से में थे।''

हर्शमैन ने कहा कि राजीव गांधी को जब 'हमारे काम के बारे में पता चला' तो वह बहुत निराश हुए। 

अमेरिका स्थित निजी जासूसी एजेंसी 'फेयरफैक्स' के अध्यक्ष हर्शमैन ने बोफोर्स घोटाले पर भारतीय एजेंसियों की मदद करने और गवाही देने की इच्छा ज़ाहिर की और कहा कि ये प्रयास भरोसेमंद होना चाहिए।

हर्शमैन के इंटरव्यू पर सीबीआई के सूचना अधिकारी और प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, 'एजेंसी को बोफोर्स से जुड़े मामले के बारे में कुछ टीवी चैनलों पर माइकल हर्शमैन के इंटरव्यू से पता चला।'

उन्होंने कहा, 'इंटरव्यू में जिन तथ्यों एवं परिस्थितियों का जिक्र किया गया है, सीबीआई उचित प्रक्रिया के तहत उन पर विचार करेगी।'

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कथित बोफोर्स घोटाला सन् 1989 में सामने आया था, जिसके कारण केंद्र की राजीव गांधी सरकार गिर गई थी। बीजेपी इसकी जांच पर सवाल उठाती रही है।

हर्शमैन के दावे पर बीजेपी को कांग्रेस पर हमला बोलने का मौका मिल गया है। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, 'माइकल हर्शमैन का मानना है की स्विट्ज़रलैंड में कुछ बैंकों में जो धनराशी जमा की जा रही है उसमे बोफोर्स का पैसा है।'

उन्होंने कहा, 'माइकल हर्शमैन का ये भी मानना है की उनको कई बार बोफोर्स पर घूस देने की कोशिश की गई और जान से मारने की भी धमकी दी गयी।'

रक्षा मामलों पर छह सदस्यीय संसदीय लेखा समिति की एक उप समिति सौदे पर नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के कुछ खास पहलुओं का अनुपालन नहीं करने की जांच कर रही है।

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