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तमिलनाडु: CBSE NEET परीक्षा में कोटा मामले की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट आज तमिलनाडु सरकार के 85 प्रतिशत रिज़र्वेशन राज्य बोर्ड के छात्रों और सीबीएसई छात्रों को देने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करेगा। इस याचिका में अपील की गई है कि क्यों सरकार ने राज्य बोर्ड से बाहर के छात्रों के लिए नीट परीक्षा पास करने के बावजूद 15 फीसदी ही सीटें क्यों रखी है।

Updated on: 06 Jul 2017, 08:37 AM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को तमिलनाडु सरकार के 85 प्रतिशत कोटा, राज्य बोर्ड के छात्रों और सीबीएसई छात्रों को देने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करेगा। इस याचिका में अपील कर पूछा गया है कि सरकार ने राज्य बोर्ड से बाहर के छात्रों के लिए नीट परीक्षा पास करने के बावजूद 15 फीसदी ही सीटें क्यों रखी है।

इससे पहले 20 मई को मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव से एमबीबीएस और बीडीएस के नीट रिज़ल्ट 2017 को रद्द करने संबंधी याचिका पर सुझाव मांगा था। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने इस साल परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए 50 प्रतिशत रिज़र्वेशन कोटा मांगा था।

संवाददाताओं से बाद करते हुए उन्होंने कहा, 'नीट परीक्षा परिणाम एक और बड़ा मुद्दा है, इसका परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए जल्द ही समाधान होना चाहिए। मैं तमिलनाडु सरकार ने अपील करता हूं कि जल्द मामला सुलझाया जाए। हम साथ ही 50 प्रतिशत रिज़र्वेशन कोटा उन छात्रों के लिए सुरक्षित रखने की मांग करते हैं जो कि इस साल नीट परीक्षा देंगे।'

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19 मई को, मदुरै खंडपीठ के न्यायमूर्ति एन शेषसाई ने 7 मई, 2017 को आयोजित की गई परीक्षा रद्द करने की याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों पर जवाब मांगा था। इस संबंध में एक याचिकाकर्ता जेनिला सहित लोगों ने कहा था कि नीट पूरे देश में एक समान तरीके से आयोजित नहीं किया गया है।

उन्होंने दलील दी की देश में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग परीक्षा पत्र दिए जाते रहे हैं, जबकि यूनिफॉर्म सिलेबस की घोषणा की जा चुकी है। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि अधिकारियों ने अलग तरह के परीक्ष पत्र दिए जाएंगे इसकी जानकारी नहीं दी थी।

तमिलनाडु में उन छात्रों ने जिन्होंने तमिल और अंग्रेजी का चुनाव किया था उन्हें अलग सेट के परीक्ष पत्र दिए गए और कहा गया कि तमिल परीक्षा पत्र आसान थे। याचिकाकर्ताओं का कहना है, 'वन इंडिया, वन परीक्षा पत्र नीट के लिए ज़रुरी है। नहीं तो एप्टिटियूड और योग्यता की स्केलिंग अलग-अलग की जाएगी।'

याचिकाकर्ताओं की अपील थी कि इस लिहाज़ से नीट परीक्षाएं रद्द की जानी चाहिए और नए सिरे से दोबारा समान परीक्षा पत्र ली जानी चाहिए।

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