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Sciatica Ayurvedic Treatment: साइटिका बीमारी क्या है, जानें इसके आयुर्वेदिक इलाज

Sciatica Ayurvedic Treatment: साइटिका एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसके संकेत ज्यादातर लोग इग्नौर करते हैं लेकिन ये बीमारी क्या है, क्यों होती है और इससे क्या नुकसान होता है आइए सब जानते हैं.

Updated on: 19 Mar 2024, 12:09 PM

नई दिल्ली :

Sciatica Ayurvedic Treatment: साइटिका एक प्रकार की पैर की नसों की बीमारी है जो कमर से लेकर पैर की सभी जगहों तक दर्द और सूजन का कारण बनती है. यह बीमारी अकसर कमर की गाठों के प्रेसर के कारण उत्पन्न होती है जो नसों पर दबाव डालती हैं. साइटिका के दर्द को अक्सर एक पैर से दूसरे पैर तक बढ़ता हुआ महसूस किया जाता है और यह बीमारी व्यक्ति के चलने, बैठने या झुकने में भी परेशानी उत्पन्न कर सकती है.

साइटिका के कारण:

रीढ़ की हड्डी में डिस्क का फिसलना सबसे आम कारण है. जब रीढ़ की हड्डी में डिस्क फिसल जाती है, तो यह साइटिक तंत्रिका पर दबाव डाल सकती है. यह तब होता है जब रीढ़ की हड्डी की नहर संकरी हो जाती है, जिससे साइटिक तंत्रिका पर दबाव पड़ता है. जब रीढ़ की हड्डी से निकलने वाले छिद्र संकरे हो जाते हैं, जिससे साइटिक तंत्रिका पर दबाव पड़ता है. रीढ़ की हड्डी में गांठ साइटिक तंत्रिका पर दबाव डाल सकती है. रीढ़ की हड्डी या पैरों में चोट साइटिक तंत्रिका को क्षति पहुंचा सकती है. मधुमेह साइटिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचा सकता है. गर्भावस्था के दौरान, गर्भाशय साइटिक तंत्रिका पर दबाव डाल सकता है. 

साइटिका के लक्षण:

पैर में दर्द: यह दर्द तेज, जलन, या सुन्न हो सकता है. यह आमतौर पर नितंबों से शुरू होता है और पैरों और पैरों तक जाता है.

पैरों में कमजोरी: पैरों में कमजोरी या सुन्नता महसूस हो सकती है.

पैरों में झुनझुनी: पैरों में झुनझुनी या सुई चुभने जैसी सनसनी महसूस हो सकती है.

पैरों में दर्द: पैरों में दर्द या जलन महसूस हो सकती है.

साइटिका से बचाव: नियमित व्यायाम रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला रखने में मदद करता है, जिससे साइटिका का खतरा कम होता है. अधिक वजन रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, जिससे साइटिका का खतरा बढ़ जाता है. सही मुद्रा रीढ़ की हड्डी पर दबाव को कम करने में मदद करती है. भारी वस्तुओं को उठाते समय सावधानी बरतें: भारी वस्तुओं को उठाते समय अपनी पीठ को सीधा रखें और अपने घुटनों को मोड़ें.

साइटिका का आयुर्वेदिक इलाज 

गुग्गुल : गुग्गुल रात को सोने से पहले गर्म दूध के साथ सेवन किया जा सकता है. यह दर्द को कम करने में मदद कर सकता है.

आमला: आमला एक शक्तिशाली औषधि है जो वातिका विकार को कम करने में मदद कर सकती है. यह आयुर्वेदिक इलाज में उपयोगी हो सकती है.

आश्वगंधा: आश्वगंधा का सेवन न्यूरॉन्स को प्रोत्साहित करने में मदद करता है और साइटिका के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है.

जीरा: जीरा के बीजों का सेवन गर्म पानी के साथ किया जा सकता है. यह न्यूरॉन्स को स्ट्रेंथन करता है और साइटिका के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है.

अश्वगंधा: अश्वगंधा के रस को गर्म दूध के साथ लेने से दर्द में राहत मिल सकती है.

पश्चिमोत्तानासन: यह योगासन साइटिका के दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है.

शिर्षासन: शिर्षासन साइटिका के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है.

आयुर्वेदिक उपचारों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें. उन्हें आपके लिए सही उपायों की सिफारिश करेंगे और इसे आपके स्वास्थ्य स्तिथि के अनुसार अनुकूलित करेंगे.

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