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सर्जिकल, कॉटन मास्क कोरोनावायरस को फिल्टर नहीं करते : शोध

सर्जिकल-कॉटन मास्क (Mask) दोनों को मरीज की खासी से सार्स-कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रसार को रोकने में अप्रभावी पाया गया है.

Updated on: 09 Apr 2020, 07:57 AM

highlights

  • सर्जिकल-कॉटन मास्क सार्स-कोरोना वायरस प्रसार को रोकने में अप्रभावी.
  • खांसने पर वायरस की बूंदें वातावरण और मास्क की बाहरी सतह पर पहुंची.
  • वायरस को रोकने के लिए फेस मास्क पहनने की सिफारिशें प्रभावी नहीं.

सिओल.:

सर्जिकल-कॉटन मास्क (Mask) दोनों को मरीज की खासी से सार्स-कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रसार को रोकने में अप्रभावी पाया गया. दक्षिण कोरिया के सियोल (Seol) के दो अस्पतालों में आयोजित एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि जब कोरोना वायरस रोगियों ने किसी भी प्रकार का मास्क लगाकर खांसा तो वायरस की बूंदें वातावरण में और मास्क की बाहरी सतह पर पहुंच गईं. एन 95 (N 95) और सर्जिकल मास्क की कमी के कारण विकल्प के तौर पर इन्फ्लूएंजा वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कॉटन मास्क में लोगों ने रुचि दिखाई है.

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प्रदूषण पर शोध स्पष्ट नहीं
हालांकि, यह ज्ञात नहीं है कि कोरोना वायरस वाले मरीजों द्वारा पहने गए सर्जिकल या कॉटन मास्क पर्यावरण के प्रदूषण को रोकते हैं या नहीं. दक्षिण कोरिया में उल्सान कॉलेज ऑफ मेडिसिन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस से संक्रमित चार रोगियों को मास्क के निम्नलिखित अनुक्रम पहनते समय पेट्री डिश पर प्रत्येक में पांच बार खांसी करने का निर्देश दिया. पहले बिना मास्क के, फिर सर्जिकल मास्क, उसके बाद कॉटन मास्क और फिर बिना मास्क के.

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ये रहे परिणाम
मास्क की सतहों पर निम्न अनुक्रम में स्वैब पाए गए : एक सर्जिकल मास्क की बाहरी सतह पर, एक सर्जिकल मास्क की आंतरिक सतह पर, कॉटन मास्क की बाहरी सतह पर और कॉटन मास्क की आंतरिक सतह पर.शोधकर्ताओं ने सार्स-कोव-2 को सभी सतहों पर पाया. ये निष्कर्ष बताते हैं कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए फेस मास्क पहनने की सिफारिशें प्रभावी नहीं हो सकती हैं. शोधकर्ताओं ने कहा, 'निष्कर्ष में, सर्जिकल और कॉटन मास्क दोनों ही एसएआरएस कोव-2 के प्रसार को रोकने के लिए अप्रभावी प्रतीत हो रहे हैं.'