Cancer Myths: बच्चों में होने वाला कैंसर है 'अफवाहों' वाली बीमारी, जानिए इसके पीछे का सच
Cancer एक ऐसी बीमारी है जिसने बड़ों से लेकर बच्चों तक को अपना शिकार बनाया हुआ है. ऐसे में आज हम सिर्फ बच्चों में होने वाले कैंसर की बात करेंगे और इससे जुड़ी कई सच्चाई आपको बताएंगे.
नई दिल्ली :
बच्चों और बड़ों में होने वाले कैंसर अलग-अलग होते हैं. कैंसर के प्रकार (Types of Cancer) और उपचार (Treatment of Cancer) पर बच्चों और बड़ों के कैंसर में अंतर का पता लगाया जा सकता है. जहां, बड़ों में सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर में स्तन कैंसर (Breast cancer), सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancer), मुंह का कैंसर (Oral cancer) और फेफड़े का कैंसर (Lung cancer) शुमार हैं. वहीं बच्चों में ल्यूकेमिया, ब्रेन एवं स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर (Leukemia, brain and spinal cord tumors), न्यूरोब्लास्टोमा (neuroblastoma), विल्म्स ट्यूमर (Wilms' tumor), लिंफोमा और रेटिनोब्लास्टोमा (lymphoma and retinoblastoma) के मामले पाए जाते हैं. बच्चों में कैंसर बहुत तेजी से फैलता है, लेकिन अगर सही समय पर पता चल जाए और सही इलाज मिले तो कीमोथेरेपी से नतीजे अच्छे मिलते हैं और इलाज दर भी अच्छा होता है. ऐसे में आज हम आपको कुछ हेल्थ रिपोर्ट्स के आधार पर बच्चों में कैंसर से जुड़े कुछ बेहद ही गंभीर मिथ्स बताने जा रहे हैं.
यह भी पढ़ें: अब गोलगप्पे करेंगे आपकी जिंदगी से तनाव और मोटापे को दूर
भ्रम: बच्चों में होने वाला ब्लड कैंसर लाइलाज है.
सचः बच्चों में होने वाला ब्लड कैंसर बड़ों से बहुत अलग होता है. बच्चों में ज्यादातर एक्यूट लिंफोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (एएलएल) ब्लड कैंसर (Acute Lymphoblastic Leukemia (ALL) Blood Cancer) होता है. इसका इलाज काफी आधुनिक होता है जिसके चलते इस कैंसर से जूझ रहे बच्चों के रिकवर होने के चांसेस 80% तक होते हैं.
भ्रम: बच्चों में होने वाले कैंसर आनुवंशिक (genetic) होते हैं.
सच: कैंसर डीएनए में बदलाव के कारण होते हैं, लेकिन बच्चों में होने वाले 90 प्रतिशत से ज्यादा कैंसर के मामले जेनेटिक नहीं होते हैं और इसलिए ये कैंसर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में नहीं पहुंचते हैं.
बच्चों में होने वाले कैंसर के लक्षण
- लंबे समय तक बिना कारण बुखार होना
- अकारण ही पीलापन और कमजोरी होना
- आसानी से कहीं भी खरोंच लगना और खून आना
- शरीर पर कहीं गांठ, सूजन या दर्द होना
- सिरदर्द के साथ अक्सर उल्टी होना
- आंखों में धुंधलापन और रौशनी धीरे धीरे कम होते जाना
बच्चों में कैंसर के मामले और इलाज की स्थिति
बच्चों में कैंसर के मामले बहुत कम ही देखे जाते हैं. दुनियाभर में कैंसर के कुल मामलों में बच्चों को होने वाला कैंसर करीब 3 प्रतिशत है. हर वर्ष दुनियाभर में बच्चों में कैंसर के करीब तीन लाख मामले सामने आते हैं और इनमें से भारत में करीब 50,000 मामले सामन आते हैं.
यह भी पढ़ें: Acid Reflux Drinks: Acidity में चाहिए तुरंत आराम, इन ड्रिंक्स का गिलास करें अपने नाम
बच्चों में कैंसर के कारण होने वाले साइड इफेक्ट
बच्चों में होने वाले कैंसर फैलते तेजी से हैं, लेकिन इलाज का इन पर असर भी बेहतर होता है. आमतौर पर माना जाता है कि इलाज के पांच साल बाद कैंसर दोबारा होने की आशंका बहुत कम हो जाती है. इसके बाद कुछ मामलों में दोबारा परेशानी हो सकती है, लेकिन ऐसा बहुत कम ही होता है. इलाज के दौरान बच्चे बढ़ रहे होते हैं और उनके अंगों का विकास हो रहा होता है. मुमकिन है कि इलाज के कारण किसी अंग के विकास में कुछ बाधा उत्पन्न हो जाए, लेकिन इसका पता तुरंत नहीं लग पाता है. कुछ साल बाद ऐसी कोई बात देखने को मिल सकती है. इसे लेट इफेक्ट कहते हैं. ऐसे में लेट इफेक्ट के बारे में जानने के लिए हर साल जांच, स्क्रीनिंग और मॉनिटरिंग जरूरी है. कभी-कभी ऐसे लेट इफेक्ट 30 साल या 40 साल बाद भी दिख सकते हैं.
बच्चों में होने वाले कैंसर से मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर असर
यह सच है कि बच्चों में कैंसर का इलाज लंबा चलता है और बहुत गंभीर भी होता है. इसमें बार-बार अस्पताल आने, अस्पताल में भर्ती होने, इंजेक्शन लगवाने की जरूरत होती है और इससे बच्चे के साथ उसके परिवार पर भी दबाव होता है. कई मोर्चे पर इससे निपटने की जरूरत है. अस्पताल में बच्चों के लिए सही माहौल होना चाहिए, जिससे उनका ध्यान बीमारी से हटा रहे और वे खुश रहें. साथ ही, इंजेक्शन लगाने या ब्लड टेस्ट के दौरान जहां तक संभव हो दर्दरहित प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए. बच्चों के लिए काउंसलर की व्यवस्था भी होनी चाहिए. उन्हें बच्चे से बात करनी चाहिए और उसके डर व बेचैनी को दूर करना चाहिए.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Vindu Dara Singh Birthday: मुस्लिम लड़की से शादी करके पछताए विंदू दारा सिंह, विवादों में रही पर्सनल लाइफ
-
Heeramandi: सपने में आकर डराते थे भंसाली, हीरामंडी के उस्ताद इंद्रेश मलिक ने क्यों कही ये बात
-
Sonali Bendre On South Cinema: बहुत मुश्किल है साउथ फिल्मों में काम करना, सोनाली बेंद्रे ने क्यों कही ये बात?
धर्म-कर्म
-
Shani Jayanti 2024: ये 4 राशियां हैं शनिदेव को बहुत प्रिय, शनि जयंती से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन!
-
Aaj Ka Panchang 6 May 2024: क्या है 6 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल
-
Love Rashifal 6 May 2024: इन राशियों का आज पार्टनर से हो सकता है झगड़ा, जानें अपनी राशि का हाल
-
Somwar Ke Upay: सोमवार के दिन करें ये चमत्कारी उपाय, शिव जी हो जाएंगे बेहद प्रसन्न!