logo-image

Eating Habits: क्या Bread खाने से हो सकता है कैंसर? जानें क्या कहते हैं अध्ययन

Eating Habits: क्या आप भी खाने या नाश्ते में रोज करते हैं ब्रेड का इस्तेमाल तो जरा संभल जाएं, क्योंकि अध्ययन बताते हैं कि ब्रेड का सेवन कैंसर का कारण हो सकता है.

Updated on: 23 Feb 2024, 03:39 PM

:

Eating Habits: कई बार हम कुछ चीजों का सेवन लगातार यानी रोजमर्रा में करते रहे हैं. कुछ चीजें तो हमारी फैवरिट लिस्ट में भी शामिल हो जाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि कई बार हमें जिन चीजों की आदत होती है वह हमें काफी परेशान या मुश्किल में भी डाल सकती हैं. कुछ ऐसी ही चीजों में शामिल है ब्रेड. जी हां ब्रेड भी हमारे रोजर्रा के खानपान में शामिल फूड्स में से एक है. लेकिन क्या आपको पता है कि ब्रेड खाने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है. 

Bread, नाश्ते का एक लोकप्रिय विकल्प, अक्सर स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन, हाल ही में कुछ अध्ययनों ने Bread खाने और कैंसर के बीच संबंध का संकेत दिया है। यहाँ Bread खाने और कैंसर के बीच संबंध के बारे में कुछ जानकारी दी गई है. हालांकि ये जानकारी अध्ययनों के आधार पर हैं. इसकी पुष्टि हम नहीं करते हैं. 

यह भी पढ़ें - Digestion Yoga: 5 ऐसे योगासन जिससे आप पेट को हेल्दी और डाइजेशन सही रहेगा

दरअसल ‘जर्नल ऑफ न्यूट्रिएंट्स’ में एक जनरल प्रकाशित किया गया है. इसमें इस बात का खुलासा हुआ कि ब्रेड का लगातार सेवन भी कैंसर का कारण हो सकता है. इसमें ब्रेड के अलावा अल्कोहल के सेवन से कोलेरेक्ट्रल कैंसर होने की भी बात कही गई. 

क्या होता है कोलेरेक्ट्रल कैंसर
दरअसल कोलेरेक्ट्रल कैंसर आंत में होने वाला कैंसर होता है. यह आंत के सबसे अंतिम सिरे और गुदाद्वार में होता है. हालांकि इस कैंसर को बढ़ने में काफी वक्त लगता है, यही वजह है कि कई बार लोगों को बढ़ती उम्र के दौरान यानी बुजुर्ग होने आस-पास ही पता चलता है. हालांकि इसका इलाज संभव है. 

1. अध्ययनों के अनुसार:
- कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि सफेद Bread खाने से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
- सफेद Bread में ग्लूटेन होता है, जो कुछ लोगों में पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है।
- सफेद Bread में फाइबर की मात्रा कम होती है, जो पाचन तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
- सफेद Bread में रसायन और यौगिक होते हैं जो कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।

2. Bread के प्रकार:
- सफेद Bread: यह Bread सबसे अधिक लोकप्रिय है, लेकिन यह सबसे कम पौष्टिक भी है।
- गेहूं का Bread: यह Bread सफेद Bread से अधिक पौष्टिक होता है, लेकिन इसमें भी ग्लूटेन होता है।
- बाजरा का Bread: यह Bread ग्लूटेन-मुक्त होता है और इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है।
- जई का Bread: यह Bread भी ग्लूटेन-मुक्त होता है और इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है।

3. कैंसर से बचाव के लिए:
- सफेद Bread के बजाय गेहूं का Bread, बाजरा का Bread, या जई का Bread खाना बेहतर है।
- Bread कम मात्रा में खाएं।
- Bread के साथ फल, सब्जियां, और दही खाएं।
- नियमित व्यायाम करें।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।

4. निष्कर्ष:
Bread खाने और कैंसर के बीच संबंध अभी भी पूरी तरह से समझा नहीं गया है। लेकिन, सफेद Bread खाने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। सफेद Bread के बजाय गेहूं का Bread, बाजरा का Bread, या जई का Bread खाना बेहतर है।