दांतों से जुड़े 7 मिथकों पर भरोसा न करें, ये होती है सच्चाई
दांत की सफाई को लेकर किसी भी प्रकार की गलतफहमी आपके मौखिक स्वच्छता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
ऩई दिल्ली:
हम सभी सफेद दांत और सुंदर मुस्कुराहट की चाह रखते हैं, जिसे पाना अब हमारे लिए मुश्किल नहीं है। दंत चिकित्सकों से परामर्श करने के साथ नियमित रूप से ब्रश करने और मुंह धोने जैसी मौखिक स्वच्छता गतिविधियों का अभ्यास करने से आप आसानी से सफेद दांत पा सकते हैं।
घरेलू उपचार और बाजार में मौजूद उत्पादों के कारण कई बार तथ्यों और मिथकों के बीच अंतर ढूंढना मुश्किल हो जाता है। दुर्भाग्यवश, दांत की सफाई को लेकर किसी भी प्रकार की गलतफहमी आपके मौखिक स्वच्छता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। नोएडा स्थित एस्थेटिका 360 डेंटल क्लिनिक के जानकारों द्वारा दांतों को साफ करने से जुड़े सात काल्पनिक बातों पर नजर डालते हैं, जिन पर आपको विश्वास नहीं करना चाहिए।
मिथ: दांतों को सफेद करने वाले टूथपेस्ट के कारण आपके दांतों का रंग सुधरेगा।
हम अक्सर मानते हैं कि दांतों को सफेद करने वाले गम हमारे दांतों के पीले रंग को सफेद कर देंगे। ये गलत है! इन उत्पादों में कुछ श्वेत रसायन होते हैं, लेकिन यह आपके लिए पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं।
मिथ: दांत साफ करने से इनोमेल टिशू पर नकारात्मक प्रभावित पड़ेगा।
यह सच नहीं है! दांत सफेद करने का एक सिद्ध दंत चिकित्सा प्रक्रिया है जो पेशेवर दंत चिकित्सकों द्वारा किया जाना चाहिए। प्राकृतिक घरेलू उपचार या सौंदर्य सैलून जाने की बजाय, दंत चिकित्सकों से अपने दांतों की देखरेख करवाना बेहतर होता है।
मिथ: फल आपके दांतों से उपभेदों को हटा सकते हैं।
हम में से अधिकांश ने सुना है कि केले के छिलके या नींबू जैसे फल रगड़ने से आपके दांत चमकदार हो सकते हैं। हालांकि फल फायदेमंद माने जाते हैं लेकिन दांतों पर रगड़ने से वे एसिड उत्पन्न करते हैं जो आपके दांत के ईनोमेल को नुकसान पहुंचाता है।
मिथ: दांत सफेद करना स्थायी समाधान है।
यह एक सच्चा तथ्य है कि पेशेवर उपचार के बाद, आपके दांत लंबे समय तक सफेद रहेंगे। लेकिन यह कहना गलत है कि आपके दांत जीवन भर के लिए सफेद बने रहेंगे। हमारी खाने की आदतें और जीवनशैली के साथ हमें नियमित रूप से दांत को सफेद करवाना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: दिल्ली में हेल्थकेयर सुविधाएं मुहैया कराएगा 'नो कैंसर' अभियान
मिथ: जब आपके मसूड़ों से खून बह रहा है तो आपको ब्रश करना बंद कर देना चाहिए।
ब्रश करते समय जब आपके मसूड़ों से खून बहता दिखे तो आपको चिकित्सक से तुरंत मिलना चाहिए। मसूड़ों से खून तभी बहता है जब आप अपने दांतों को ठीक से साफ नहीं करते हैं। लगातार ब्रश करने से आपकी समस्याओं का समाधान होगा।
मिथ: दांतों के दर्द को कम करने के लिए एस्पिरिन की जरूरत है।
यह कुछ हद तक सही है कि एस्पिरिन से आपको दर्द से राहत मिल सकती है लेकिन एस्पिरिन भी मसूड़ों और दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है।
मिथ: रूट कनाल अत्यधिक दर्दनाक और जोखिम भरा प्रक्रिया है।
यह उन लोगों की एक और गलतफहमी है जो दांत के दर्द से पीड़ित हैं। दंत चिकित्सा में तकनीकी प्रगति के साथ, रूट कनाल उपचार अब एक दर्दनाक प्रक्रिया नहीं रही। दांतों में लंबे समय तक होने वाले दर्द की चिंता करना और उनसे संघर्ष करना बंद करें।
इसे भी पढ़ें: मानसून में लेप्टोस्पायरोसिस ने दी दस्तक, चूहों से फैलती है ये बीमारी
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
-
MS Dhoni : धोनी के चक्कर में फैन ने कर लिया गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप, कारण जाकर उड़ जाएंगे आपके होश
-
KKR vs DC Dream11 Prediction : कोलकाता और दिल्ली के मैच में ये हो सकती है ड्रीम11 टीम, इन्हें चुनें कप्तान
-
KKR vs DC Head to Head : कोलकाता और दिल्ली में होती है कांटे की टक्कर, हेड टू हेड आंकड़ों में देख लीजिए
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें
-
Mulank 1 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 1 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
May Property Purchase Muhurat: मई 2024 में संपत्ति खरीदने के ये हैं 7 शुभ मुहूर्त, आप भी नोट कर लें
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन करें तुलसी के ये उपाय, आर्थिक तंगी होगी दूर!