....तो महामारी बन जाएगा मोटापा, ऐसे करे बचाव
हाल के एक शोध के अनुसार, वैश्विक आबादी का लगभग एक चौथाई हिस्सा अगले 27 साल में मोटापे से ग्रस्त हो जाएगा।
नई दिल्ली:
हाल के एक शोध के अनुसार, वैश्विक आबादी का लगभग एक चौथाई हिस्सा अगले 27 साल में मोटापे से ग्रस्त हो जाएगा। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि दुनिया में 22 प्रतिशत लोग 2045 तक मोटापे से ग्रस्त होंगे। यह आंकड़ा वर्ष 2017 के मुकाबले 14 प्रतिशत अधिक है। मधुमेह का प्रसार भी 2045 तक 9.1 प्रतिशत से बढ़कर 11.7 प्रतिशत होने की उम्मीद है।
दुनियाभर के हर आठ लोगों में से एक व्यक्ति के टाइप-2 मधुमेह से ग्रस्त होने की संभावना है। व्यक्तिगत और वैश्विक स्तर पर परिवर्तन किए जाने तक लागत और स्वास्थ्य चुनौतियों में वृद्धि ही होनी है।
मोटापे को नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों के साथ शरीर में अत्यधिक वसा एकत्र हो जाने की एक मेडिकल कंडीशन के रूप में पहचाना जाता है। इसे आम तौर पर बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की श्रेणी में रिपोर्ट किया जाता है। बीएमआई को व्यक्ति के वजन को उसकी ऊंचाई के वर्ग से विभाजित करके प्राप्त किया जाता है। 30 किलो प्रति एम2 से अधिक बीएमआई को मोटापे की श्रेणी में रखा जाता है, जबकि 25 और 30 किलो प्रति एम2 के बीच का मान अधिक वजन के रूप में परिभाषित किया जाता है।
हार्ट केयर फाउंडेशन आफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, 'मोटापा- मधुमेह और हृदय की समस्याओं का जनक है। भारत को डबल बोझ उठाना पड़ता है। एक तरफ कुपोषण है और दूसरी तरफ मोटापा। भारत में मोटापा दुनिया के बाकी हिस्सों से अलग है। हमारे देश में, इसे थिन-फैट इंडियन फेनोटाइप द्वारा पहचाना जाता है। इसका मतलब यह है कि कॉकेशियन और यूरोपीय समकक्षों की तुलना में शरीर की वसा, पेट में और आंतों की वसा वाले लोगों का उच्च अनुपात होता है। इसलिए, विश्व में मोटापे को आम तौर पर बीएमआई 30 से अधिक और चौड़ी कमर के हिसाब से देखा जाता है।'
इसे भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ की रिसर्चर का दावा, कैंसर के इलाज के लिए ढूंढा नया फॉर्मूला
उन्होंने कहा कि बीएमआई 25 की निचली दहलीज के मुताबिक भारतीय मोटापे का अनुमान लगाया जाना चाहिए। इसके अलावा 23 तक की सामान्य बीएमआई भी पेट के मोटापे के उच्च उदाहरण दिखा सकती है।
मोटापे के लिए दो कारण प्रमुख हैं- एक है बैठे रहना और दूसरा है अस्वास्थ्यकर भोजन करना। प्रोसेस्ड फूड की खपत कई गुना बढ़ गई है। यह, समय-बेसमय काम करने वाले पैटर्न और शारीरिक गतिविधि की कमी के साथ जुड़ कर स्थिति को और खराब कर देता है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया, 'पारंपरिक भारतीय आहार कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है। लोग चावल, रोटी और ब्रेड का सेवन करते हैं। इसके अलावा, तला हुआ और अस्वास्थ्यकर फास्ट फूड बहुत अधिक खाया जा रहा है, जो केवल कैलोरी बढ़ाता है। भारतीयों को यह सब करते हुए पाया जा सकता है, इसलिए मोटापे में वृद्धि होना आश्चर्य की बात नहीं है।'
कुछ सुझाव :
* वजन घटाने की कुंजी है - कैलोरी की मात्रा कम करते जाना।
* ऊर्जा घनत्व के कांसेप्ट से आप अपनी भूख को कम कैलोरी से संतुष्ट कर सकते हैं।
* अपने आहार को स्वस्थ बनाने के लिए, फल, सब्जियांे और साबुत अनाज जैसे वनस्पति आधारित खाद्यों पर जोर दें।
* व्यायाम को अपनी दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाएं। धीरे-धीरे शुरू करें और व्यायाम की अवधि बढ़ाते जाएं।
इसे भी पढ़ें: थॉयराइड से ब्रेन डैमेज का खतरा, बरतें सावधानी
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
-
Arti Singh Wedding: आरती की शादी में पहुंचे गोविंदा, मामा के आने पर भावुक हुए कृष्णा अभिषेक, कही ये बातें
धर्म-कर्म
-
May 2024 Annaprashan Muhurat: अन्नप्राशन मई 2024 में कब-कब कर सकते हैं ? यहां जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त
-
Saturday Jyotish Upay: शनिवार के दिन की गई यह एक गलती शनिदेव की कर सकती है नाराज, रखें ध्यान
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी
-
Ganga Saptami 2024 Date: कब मनाई जाएगी गंगा सप्तमी? जानें शुभ मूहूर्त, महत्व और मंत्र