युवाओं में बढ़ रही पैरों में सूजन की समस्या, खराब जीवनशैली और ये आदतें हो सकती है वजह
पैरों की नसें सूजने की बीमारी युवाओ को काफी चिंतित कर रही है। करीब 7 प्रतिशत युवा इस स्थिति से परेशान हैं।
नई दिल्ली:
आजकल युवाओं में पैरों की बीमारी समस्या का कारण बन रही हैं। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि 'वैरिकोज वेन्स' यानी पैरों की नसें सूजने की बीमारी युवाओ को काफी चिंतित कर रही है। करीब 7 प्रतिशत युवा इस स्थिति से परेशान हैं।
इस बीमारी से महिलाओं को चार गुना अधिक खतरा रहता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार, पैरों की नसें सूजने के कुछ प्रमुख कारण हैं शारीरिक व्यायाम न करना, एक ही जगह देर तक बैठे रहना, तंग कपड़े और ऊंची एड़ी के जूते पहनना।
यह बीमारी तब होती है, जब शरीर के निचले भाग की नसों के वाल्व क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। नतीजतन, इन हिस्सों से दिल की ओर रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। इससे नसों में खून जमा होता रहता है और पैरों में सूजन आ जाती है। यह बीमारी आमतौर पर पैरों में ही पाई जाती है।
आईएमए के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ के के अग्रवाल ने कहा, 'पैर में कई वाल्व होते हैं जो खून को दिल की दिशा में प्रवाहित होने में मदद करते हैं। वैरिकोज अल्सर दोनों पैरों में हो सकता है। जब ये वाल्व क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो सूजन, दर्द, थकान, खुजली और खून के थक्के बनना शुरू हो होता है। यह एक धीमी लेकिन परेशानी वाली बीमारी है।'
उन्होंने कहा, 'लक्षण शुरुआत में हल्के होते हैं, जिस वजह से लोग इस पर ध्यान नहीं देते। इससे जटिलता का सामना करना पड़ सकता है और इलाज मुश्किल होता जाता है। इसका इलाज समय पर कराना जरूरी है, वरना अल्सर विकसित हो सकता है।'
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वैरिकोज वेन्स की शुरुआत पर प्रभाव डालने वाले कुछ कारक आयु, लिंग, आनुवंशिकी, मोटापे और लंबी अवधि के लिए पैरों की स्थिति हैं। वृद्धावस्था में भी नसों में टूट फूट हो सकती है।
डॉ. अग्रवाल ने आगे बताया, 'इस कंडीशन के बारे में कई लोगों में जागरूकता की कमी है। चिंता की बात तो यह है कि इस बीमारी की अनदेखी हो जाती है और लोग समय पर उपचार नहीं कराते। समय पर इलाज न होने से अल्सर, एक्जिमा और हाई बीपी की समस्या हो सकती है। उपचार समय पर दिया जाना चाहिए। कुछ रोगियों को पैरों की खूबसूरती के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी भी करानी पड़ सकती है।'
वैरिकोज नसों की परेशानी से बचने के लिए कुछ उपाय :
- नियमित रूप से पैदल चलने से पैरों में खून का संचालन बढ़ेगा।
- वजन और आहार को नियंत्रित करें। पैरों पर दबाव से बचने के लिए अधिक वजन ठीक नहीं। नमक कम ही खाएं।
- आरामदायक कपड़े और जूते पहनें।
- पैरों को ऊपर उठाइए। अपने दिल की ऊंचाई तक पैरों को ऊपर उठाइए। लेट कर अपने पैरों के नीचे तीन-चार तकिये भी रख सकते हैं।
- लंबे समय तक बैठना या खड़े रहना उचित नहीं।
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