दांत भी कर देते हैं दिल को बीमार, ऐसे करें इनकी देखभाल
दांतों के रोग भारत में एक महत्वपूर्ण जनस्वास्थ्य समस्या है, जिसमें दंतक्षय से 60 से 65 प्रतिशत और पेरियोडेंटल बीमारियों से 50 से 90 फीसदी जनसंख्या प्रभावित होती है।
नई दिल्ली:
दांतों के रोग भारत में एक महत्वपूर्ण जनस्वास्थ्य समस्या है, जिसमें दंतक्षय से 60 से 65 प्रतिशत और पेरियोडेंटल बीमारियों से 50 से 90 फीसदी जनसंख्या प्रभावित होती है। आजकल जंक फूड की खपत अधिक होने के कारण स्कूली बच्चों में यह समस्या काफी अधिक है।
दंतक्षय डेंटल कैरीज इनेमल पर एसिड की क्रिया के कारण होती है। एसिड तब पैदा होता है, जब दांत की सतह पर प्लाक में मौजूद बैक्टीरिया के साथ खाद्य पदार्थ या पेयों में मौजूद शुगर (मुख्य रूप से सुक्रोज) प्रतिक्रिया करती है। उत्पादित एसिड इनेमल में कैल्शियम और फॉस्फेट की कमी का कारण बनता है। इस प्रक्रिया को डिमिनरलाइजेशन कहा जाता है।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल ने कहा, 'भारतीय लोग मुंह की स्वच्छता के महत्व के बारे में अक्सर अनजान होते हैं। खराब दांत स्वास्थ्य से हृदय रोगों सहित कई संबंधित जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। आज के बच्चे अपने अस्वास्थ्यकर फूड पैटर्न के कारण दंतक्षय जैसी समस्याओं से ग्रस्त हैं।'
ये भी पढ़ें: इस गर्मी चटख रंगों के कपड़ों से पाएं आकर्षक लुक
डॉक्टर ने आगे कहा, 'सिर्फ कैलोरी वाले खाद्य पदार्थो जैसे बिस्कुट, चॉकलेट, और अन्य प्रोसेस्ड फूड में चीनी व नमक दोनों की अधिकता होती है। यह मुंह की समस्याओं का कारण बन सकता है और अंतत: बहुत ही कम उम्र में दांतों और मसूढ़ों की समस्याओं को जन्म दे सकता है।'
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि मुंह में बैक्टीरिया बेकार उत्पादों (या एसिड) को उत्पन्न करते हैं जो दांतों में छोटे छिद्र कर देते हैं। यह दंतक्षय का पहला चरण होता है। सही समय पर इसका इलाज करवा लेना चाहिए, अन्यथा एसिड दांतों में प्रवेश करके उन्हें अंदर से नष्ट कर देता है।
उन्होंने आगे कहा, 'माता-पिता को शुरुआत में ही बच्चों में स्वस्थ आदतें डाल देनी चाहिए। वे जंक फूड और प्रोसेस्ड भोजन से बचते हुए और जीवन शैली में कुछ बदलावों का अभ्यास करके बच्चों के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकते हैं।'
दांतों की देखभाल के लिए कुछ सुझाव :
* ब्रशिंग नियमित करें, इससे प्लाक और बैक्टीरिया के निर्माण को रोकने में मदद मिलती है, जो दंतक्षय और पेरियोडेंटल बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
* हर दिन फ्लॉस करें, क्योंकि यह उन हिस्सों को साफ करने में मदद करता है, जहां ब्रश नहीं पहुंच सकता है।
* शर्करा और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थो से बचें, क्योंकि इस तरह के खाद्य पदार्थो में मौजूद चीनी लार में बैक्टीरिया के साथ प्रतिक्रिया करके दंतक्षय बढ़ाने और इनेमल को समाप्त करने वाले एसिड का निर्माण करती है।
* जीभ भी बैक्टीरिया को एकत्र करती है। इसलिए, ब्रश करने के बाद एक जीभी से जीभ को भी साफ करना चाहिए।
* यदि आपके मसूड़ों में सूजन हो जाती है या उनसे खून बहता है तो एक दंत चिकित्सक से परामर्श लें। दांतों और मसूड़ों के दर्द को अनदेखा न करें।
* हर छह महीने में अपने दांतों की जांच करवाएं। साल में दो बार डेंटल क्लीनिंग करवाएं।
ये भी पढ़ें: इंटरनेट पर छाया 'वीरे दी वेडिंग' का पहला गाना, आपने देखा?
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
-
Arti Singh Wedding: आरती की शादी में पहुंचे गोविंदा, मामा के आने पर भावुक हुए कृष्णा अभिषेक, कही ये बातें
धर्म-कर्म
-
May 2024 Annaprashan Muhurat: अन्नप्राशन मई 2024 में कब-कब कर सकते हैं ? यहां जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त
-
Saturday Jyotish Upay: शनिवार के दिन की गई यह एक गलती शनिदेव की कर सकती है नाराज, रखें ध्यान
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी
-
Ganga Saptami 2024 Date: कब मनाई जाएगी गंगा सप्तमी? जानें शुभ मूहूर्त, महत्व और मंत्र