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NN Opinion poll हरियाणा: मोदी PM पद की पहली पसंद, बीजेपी को मिलेगी पांच सीटें लेकिन कांग्रेस से कड़ी टक्कर

नए साल के साथ ही देश में लोकसभा चुनाव की आहटें भी अब साफ तौर पर सुनाई देने लगी है. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी से लेकर कांग्रेस तक हर मोर्चे पर कमर कस कर चुनावी रण की तारीख के ऐलान से पहले ही हुंकार भर रही है

Updated on: 18 Jan 2019, 06:49 PM

नई दिल्ली:

नए साल के साथ ही देश में लोकसभा चुनाव की आहटें भी अब साफ तौर पर सुनाई देने लगी है. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी से लेकर कांग्रेस तक हर मोर्चे पर कमर कस कर चुनावी रण की तारीखों के ऐलान से पहले ही हुंकार भर रही है. रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग मार्च महीने के पहले हफ्ते में चुनावी महासमर के तारीखों का ऐलान कर सकती है लेकिन उससे पहले लोगों के मन में यह सवाल उठने लगे हैं कि अबकी बार किसकी सरकार. इसी सवाल का जवाब तलाशने के लिए आपके पसंदीदा समाचार चैनल (News Nation) न्यूज नेशन (NN Opinion poll) के ओपिनियन पोल का कारवां जम्मू-कश्मीर से होते हुए हिमाचल और फिर पंजाब के बाद आज हरियाणा और दिल्ली पहुंच चुका है. हरियाणा के ओपिनियन पोल के जो आंकड़े सामने आए हैं वो जहां एक तरफ बीजेपी (BJP) के लिए हरियाणा से भी अच्छी खबर लेकर आया है वहीं कांग्रेस को यह आंकड़े थोड़े परेशान कर सकते हैं.

किस पार्टी को कितना वोट और सीट

लोकसभा 2019 में हरियाणा में किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती है ? न्यूज नेशन के विश्वसनीय ओपिनियन पोल के आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा के 10 में से 5 लोकसभा सीटों पर बीजेपी जीत सकती है जबकि कांग्रेस के खाते में 3 सीटें जा सकती हैं. वहीं एक सीट अभय चौटाला की पार्टी आईएनएलडी को भी मिल सकती है. हरियाणा में अगर वोट शेयरिंग की बात करें तो यहां सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है. ओपिनियन पोल के आंकड़ों में बीजेपी को जहां 30 फीसदी वोट मिलने का अनुमान जताया गया है वहीं कांग्रेस को 29 फीसदी वोट मिलने की संभावना है. जबकि अभय चौटाला की पार्टी आईएनएलडी को 15 फीसदी वोट मिलने का अनुमान जताया गया है. खासबात यह है कि ओपिनियन पोले के आंकड़ों के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण बिल का फायदा हरियाणा में बीजेपी को मिलता दिख रहा है.

सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण के फैसले का बीजेपी को मिलेगा फायदा

हरियाणा की आम जनता से जब हमने पूछा कि सरकार ने गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का जो फैसला किया है इसका चुनाव में बीजेपी को फायदा मिलेगा तो ओपिनियन पोले के आंकड़ों के मुताबिक करीब 44 फीसदी जनता ने इसका जवाब हां में दिया. वहीं 32 फीसदी जनता ने कहा बीजेपी को इसका फायद नहीं मिलेगा. हरियाणा की करीब 24 फीसदी जनता इस पर कोई राय नहीं बना पाई. गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिनों में सवर्ण आरक्षण का बिल लाकर मोदी सरकार ने सबकों चौंका दिया. चुनाव को देखते हुए सभी पार्टियों ने इस बिल का समर्थन किया जिसके बाद अब यह कानून बन चुका है.

क्या राफेल मुद्दे पर राहुल के आरोपों में है दम

देश में राफेल फाइटर जेट पर कथित घोटाले का आरोप लगाने वाले राहुल गांधी के आरोपों पर जब  न्यूज नेशन के ओपिनियन पोल में सवाल पूछ गया तो करीब 46 फीसदी जनता ने माना कि राहुल के आरोपों में दम है वहीं हरियाणा के 37 फीसदी लोग राहुल के आरोपों के पक्ष में नहीं दिखे.

हरियाणा के लोगों के लिए बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा

जब न्यूज नेशल के ओपिनियन पोल में हरियाणा की जनता से सवाल पूछ गया कि इस लोकसभा चुनाव में उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा क्या होगा तो इसके जवाब में 20 फीसदी जनता ने कहा महंगाई उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा है. जबकि 16 फीसदी लोगों के लिए भ्रष्टाचार तो वहीं 15 फीसदी लोगों के लिए रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है. वहीं करीब 8 फीसदी लोगों ने बिजली-पानी-सड़क को सबसे बड़ा मुद्दा बताया. खासबात यह है कि हरियाणा में गौरक्षा भी 6 फीसदी लोगों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है और 6 फीसदी लोग महिला सुरक्षा को भी बड़ी समस्या मानते हैं.

हरियाणा में पीएम पद की पहली पसंद कौन ?

हिंदी क्षेत्र के तीन बड़े राज्यों में कांग्रेस को जीत मिलने के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है. इस बात की तस्दीक हमारे ओपिनियन पोल के भी आंकड़े कर रहे हैं. जब हमने हरियाणा के लोगों से पूछा कि आपके पीएम पद की पहली पसंद कौन हैं तो यहां राहुल गांधी पीएम मोदी को टक्कर देते हुए नजर आए. ओपिनियन पोले के आंकड़ों के मुताबिक राज्य की जहां 39 फीसदी जनता नरेंद्र मोदी को पीएम पद की पहली पसंद मानते हैं तो वहीं 34 फीसदी लोग राहुल गांधी को बतौर पीएम अपनी पहली पसंद मान रहे हैं. यहां पीएम मोदी और राहुल गांधी की लोकप्रियता में महज 5 फीसदी का अंतर नजर आ रहा है. ऐसे में आने वाले समय में यह अंतर और भी कम हो सकता है क्योंकि अभी भी चुनाव में 2 महीने से ज्यादा का वक्त बचा हुआ है.

हरियाणा के लोग बीजेपी सरकार से संतुष्ट नहीं

हरियाणा में इस वक्त सीएम खट्टर की अगुवाई में बीजेपी की सरकार है लेकिन हमारे ओपिनियन पोल के जो आंकड़े बता रहे हैं उससे बीजेपी के मुश्किलें नजर आ रही है. जब हमने ओपिनियन पोल में लोगों से पूछा कि क्या वो राज्य में बीजेपी की सरकार से संतुष्ट हैं तो करीब राज्य की 49 फीसदी जनता ने इससे इनकार कर दिया और कहां कि वो खुश नहीं हैं. वहीं आकंड़ों के मुताबिक 36 फीसदी जनता खट्टर सरकार के कामों से खुश दिखी. करीब 15 फीसदी जनता इस पर अपनी कोई राय नहीं बना पाई.

क्या हरियाणा के लोग केंद्र सरकार के कामकाज हैं संतुष्ट

हरियाणा के लोग जहां आपिनियन पोल में राज्य सरकार के कामकाज से असंतुष्ट नजर आए वहीं केंद्र सरकार के कामकाज से भी वहां की जनता खुश दिखाई नहीं दे रही है. आंकड़ों के मुताबिक करीब 44 फीसदी जनता जहां मोदी सरकार के कामकाज से खुश नहीं है वहीं इससे 2 फीसदी कम यानि की 42 फीसदी लोग मोदी सरकार के काम से खुश नजर आए. इस मामले में राज्य की करीब 14 फीसदी जनता अपनी कोई राय नहीं बना पाई.

क्या मोदी सरकार पाकिस्तान और चीन को दे रही है करारा जवाब

जब हमने ओपिनियन पोल में हरियाणा की जनता से पूछा कि क्या दुश्मन देश पाकिस्तान को मोदी सरकार करारा जवाब दे ही है तो राज्य की 44 फीसदी जनता इस पर संतुष्ट नजर आई. 44 फीसदी लोगों ने माना कि सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सही कार्रवाई कर रही है वहीं राज्य की करीब 40 फीसदी लोगों ने ओपिनियन पोल में माना कि सरकार मुंहतोड़ जवाब नहीं दे रही है. वहीं करीब 16 फीसदी जनता इस सवाल पर अपना कोई भी राय नहीं बना पाई.

हरियाणा की समस्या को बेहतर ढंग से कौन से पार्टी उठा सकती है ?

ओपिनियन पोल के तहत जब हमने राज्य की जनता से पूछा कि आपके मुद्दे को कौन सी पार्टी बेहतर ढंग से उठा सकती है तो इसके जवाब में ज्यादातर लोगों का जवाब बीजेपी के पक्ष में था. आंकड़ों के मुताबिक राज्य की 34 फीसदी जनता ने माना की बीजेपी मुद्दों को बेहतर ढंग से उठा सकती है जबकि 31 फीसदी लोगों ने माना कि उनकी समस्या को कांग्रेस ज्यादा बेहतर ढंग से उठा सकती है.

दिल्ली और हरियाणा के ओपिनियन पोल के आंकड़ों को देखें तो दोनों राज्यों में बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है और नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे लोकप्रिय चेहरा के तौर पर उभरे हैं.